कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी यह साफ कर चुके हैं कि इस बार गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति पार्टी अध्यक्ष पद का उम्मीदवार नहीं बनेगा। गहलोत ने कहा, ‘जब कांग्रेस कमेटी ये प्रस्ताव पास कर रही है कि आपको (राहुल गांधी) अध्यक्ष बनना चाहिए तो फिर आप उसे स्वीकार कीजिए। मैंने उनसे काफी बात करने की कोशिश की। उनका कहना है कि हमने फैसला कर लिया कि इस बार कोई गांधी परिवार का व्यक्ति उम्मीदवार नहीं बनेगा।’

अशोक गहलोत ने कहा, ‘राहुल गांधी ने मुझे बताया कि मैं जानता हूं कि सब लोग मुझे कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहते हैं, लेकिन अब फैसला हो चुका है। मैं उन सभी लोगों का बहुत सम्मान करता हूं।’ गहलोत ने आगे कहा कि यह फैसला लिया गया है कि मैं चुनाव (कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए) लड़ूंगा। नॉमिनेशन की तारीख का मैं जल्द ही ऐलान करूंगा। देश के मौजूदा हालात को देखते हुए विपक्ष को मजबूत होने की जरूरत है और उसके लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
अशोक गहलोत-शशि थरूर में मुकाबले के आसार
मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गुरुवार को अधिसूचना जारी हो गई। इससे एक दिन पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सीनियर नेता शशि थरूर के चुनावी समर में उतरने के साफ संकेत मिल गए। मालूम हो कि कांग्रेस का अध्यक्ष का चुनाव जीतने पर गहलोत को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है। हालांकि इसको लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई कि उनके हटने पर सचिन पायलट मुख्यमंत्री होंगे या फिर गहलोत की पसंद का ही कोई नेता इस जिम्मेदारी को संभालेगा।
22 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव
अब यह संभावना प्रबल हो गई है कि 22 साल बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी का प्रमुख चुनाव के जरिए चुना जाएगा। 2000 में सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था, जिसमें प्रसाद को करारी शिकस्त मिली थी। इससे पहले, 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था, जिसमें केसरी जीते थे।
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