बच्चे पैदा करने को किराये की कोख का प्रचलन बढ़ने के बाद उत्तराखंड में धामी सरकार अब सरोगेसी ऐक्ट तैयार करने जा रही है।स्वास्थ्य विभाग ने इस संदर्भ में प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया गया है। यह प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद विधानसभा में पेश किया जाएगा।
विदित है कि अब काफी लोग बच्चे पैदा करने के लिए सरोगेसी की मदद लेते हैं। इसमें किसी अन्य महिला की सहमति से किराये की कोख के जरिए बच्चे पैदा किए जाते हैं। हालांकि इसके लिए उत्तराखंड में अभी तक कोई नियम नहीं है। इस वजह से कई बार लोग धोखाधड़ी और अन्य कई तरह की परेशानियों में फंस जाते हैं। इसे देखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर सरोगेसी ऐक्ट तैयार करने का निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस ऐक्ट में केंद्रीय नियमों के साथ राज्य की ओर से भी कुछ प्रस्ताव रखे जाएंगे। जिससे भविष्य में सरोगेसी के दौरान नियमों और कायदे कानूनों का पालन संभव हो सके। स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि सरोगेसी ऐक्ट के लिए प्रस्ताव बनाने का काम शुरू हो गया है। इसे जल्द अंतिम रूप देकर कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
सरोगेसी में शोषण का रहता है खतरा
जानकार बाते हैं कि सरोगेसी (किराये की कोख से बच्चा पैदा करना) के लिए सख्त कानून की जरूरत इसलिए है क्योंकि इसमें कमजोर महिला के शोषण का खतरा रहता है। इसके साथ ही इस प्रक्रिया में स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक जोखिम होते हैं। जिस तेजी से समाज में सरोगेसी बढ़ रही है उसे देखते हुए अब इसके लिए सशक्त कानून की जरूरत महसूस हो रही है।
इस पूरी प्रक्रिया और उसके बाद कई बार आपसी विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है जिससे परेशानी खड़ी होने का खतरा रहता है। नैतिक विषय होने की वजह से भी इसमें सख्त कानून की जरूरत पड़ रही है।