मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूखे से प्रभावित किसानों की राहत के लिए का बड़ा निर्णय लिया। सीएम योगी ने प्रदेश में सूखे के स्थिति के सर्वेक्षण के लिए आदेश दिया है। 75 जिलों में 75 टीमें इसके लिए काम करेंगी।
सभी डीएम को एक हफ्ते में रिपोर्ट देनी होगी। लापरवाही बरतने और देरी होने पर जिला अधिकारी जवाबदेह होंगे। ट्यूबवेल की बिलों की वसूली भी स्थगित रहेगी। साथ ही ट्यूबवेल कनेक्शन भी नहीं काटे जाएंगे। प्रभावित जिलों में लगान स्थगित रहेंगे।

योगी ने दलहन तिलहन और सब्जी के बीज किसानों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। सिंचाई विभाग सिंचाई के लिए नहरों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और बिजली विभाग को ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिल सके।
राज्य में अभी 45 फीसदी कम वर्षा
इस मानसून में अब तक उत्तर प्रदेश में सामान्य से 40 फीसदी कम वर्षा हुई है। अब तक 634 मिलीमीटर बरसात होनी चाहिए थी। पर हुई अभी 347.4 फीसदी है। इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले सबसे ज्यादा सामान्य वर्षा के लिए तरस रहे हैं। यहां बागपत और गाजियाबाद में सामान्य से 78 फीसदी, ज्योतिबा फूले नगर, रामपुर के अलावा कानपुर देहात, कुशीनगर, जौनपुर, गौतमबुद्धनगर ऐसे जिले हैं जहां 70 फीसदी से अधिक सामान्य से कम वर्षा हुई है।
सरकार ले रही है हर दिन रिपोर्ट
राज्य सरकार की मॉनसून पर पैनी नजर है। मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी तक प्रतिदिन समीक्षा कर रहे हैं। मौसम विभाग से भी हर हफ्ते बरसात के आंकड़े लिए जा रहे हैं। अधिकारी और मौसम विभाग मान रहा है कि बरसात की यही बेरुखी रही तो राज्य के कई जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ सकता है।
सामान्य से कम वर्षा वाले शीर्ष दस जिले
बागपत : 78 फीसदी कम
गाजियाबाद : 78 फीसदी कम
रामपुर : 72 फीसदी कम
ज्योतिबाफूले नगर : 72 फीसदी से कम
कानपुर देहात : 72 फीसदी से कम
कुशीनगर : 71 फीसदी से कम
गौतमबुद्धनगर : 71 फीसदी से कम
जौनपुर : 70 फीसदी से कम
शाहजहांपुर : 67 फीसदी से कम
संत कबीर नगर : 65 फीसदी से कम
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