आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों की हत्याएं और अचानक से गायब हो जाना कानून का सरासर उल्लंघन है। इससे हजारों नागरिक प्रभावित हो रहे हैं। यह अपराध बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और उनके संबद्ध मिलिशिया द्वारा किए जा रहे हैं जिन्हें स्थानीय रूप से मौत के दस्ते के रूप में जाना जाता है।
बलोचिस्तान में पाकिस्तानी सेना का दमन चक्र जारी है। जुलाई में पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान के 48 लोगों को मार दिया। इनमें से 11 लोगों को गैरकानूनी तरीके से मौत की सजा दी गई है। बलोचिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने इस पर कहा, जुलाई महीने में 45 लोगों के अचानक लापता होने के भी मामले सामने आए हैं।
आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों की हत्याएं और अचानक से गायब हो जाना कानून का सरासर उल्लंघन है। इससे हजारों नागरिक प्रभावित हो रहे हैं। यह अपराध बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और उनके संबद्ध मिलिशिया द्वारा किए जा रहे हैं जिन्हें स्थानीय रूप से मौत के दस्ते के रूप में जाना जाता है। पूर्व नियोजित रणनीतियों से इन वारदात को अंजाम दिया जा रहा है।
जुलाई के महीने में अचानक गायब लोगों के परिजनों ने पूरे बलोचिस्तान में जमकर प्रदर्शन किया। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा फर्जी मुठभेड़ में 11 लोगों को मारने पर भी जबरदस्त आक्रोश दिखा। लोगों ने पाकिस्तान की सेना को बलोचिस्तान का आतंकवादी कहकर बुलाया।