उदयपुर की तर्ज पर अब दिल्ली में भी कांग्रेस का एक चिंतन शिविर लगाया जाएगा। शिविर दो दिवसीय होगा और जून के प्रथम सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए कोई उपयुक्त स्थान ढूंढ़ने के साथ साथ तारीख तय करने पर भी विचार विमर्श का दौर चल रहा है। हालांकि यह शिविर प्रदेश स्तर का होगा, लेकिन इसमें राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) का प्रतिनिधित्व भी रहेगा।

एआइसीसी के निर्देशानुसार यह शिविर एक और दो जून को करने के निर्देश हैं। किन्तु सेवादल की आजादी गौरव यात्रा की वजह से इसे या तो दो और तीन जून को आयोजित किया जाएगा या फिर तीन व चार जून को।
इस शिविर में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व पार्षद, जिला एवं ब्लाक अध्यक्ष इत्यादि तकरीबन 500 के आसपास नेता- कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी रहने का अनुमान है।
बताया जाता है कि इस शिविर में उदयपुर शिविर में लिए गए तमाम निर्णयों पर तो चर्चा होगी ही, दिल्ली की सियासत, जन समस्याओं, यहां के प्रमुख मुददों एवं अपना खोया जनाधार वापस लौटाने सहित विभिन्न मसलों पर भी विचार विमर्श होगा। भविष्य का एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। प्रयास किया जाएगा कि शिविर में जो भी लोग अपनी बात रखना चाहें, उन्हें इसका मौका दिया जाए।
खास बात यह कि शिविर में विभिन्न श्रेणियों के तहत ज्यादातर असंतुष्ट नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक इस शिविर का आयोजन करने के लिए कोई उपयुक्त स्थल खोजा जा रहा है। प्रतिभागियों को दोनों दिन वहीं रहना होगा या घर जाने की आजादी होगी, इस पर भी मंथन चल रहा है। मालूम हो कि प्रदेश कांग्रेस के स्तर पर पहली बार इस तरह का कोई शिविर आयोजित किया जा रहा है जो लगातार एक से अधिक दिन तक चलेगा।
अनिल चौधरी (अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस) का कहना है कि दिल्ली के दो दिवसीय शिविर की रूपरेखा लगभग तैयार है। स्थान व तारीख भी जल्द फाइनल हो जाएंगे। उम्मीद है कि दिल्ली में कांग्रेस की मजबूती के लिए यह शिविर काफी मददगार साबित होगा।
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