अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में भर्ती होने वाले मरीजों को अब कोरोना जांच करवाने की जरूरत नहीं होगी। एम्स ने भर्ती होने वाले मरीजों और सर्जरी करवाने से पहले नियमित कोरोना जांच पर रोक लगा दी है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर डीके शर्मा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि आईसीएमआर के दिशानिर्देश के अनुसार यह रोक लगाई गई है। इस फैसले से उन मरीजों को राहत मिलेगी, जिन्हें भर्ती होने या सर्जरी करवाने से पहले कोरोना जांच के लिए भटकना पड़ता था।

एम्स प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना को देखते हुए सभी विभागों से यह जानकारी मांगी गई है कि एक दिन में वे कितने नए और कितने पुराने मरीजों को चिकित्सीय सलाह दे सकते हैं। विभागवार जानकारी एकत्रित होने के बाद प्रबंधन की बैठक होगी और उसके आधार पर आगे तय होगा कि ओपीडी में कितनी संख्या के साथ चिकित्सीय परामर्श जारी रहेगा।
कोरोना की तीसरी लहर के बाद सात जनवरी से एम्स में गैर कोराना मरीजों को भर्ती करने पर रोक थी। साथ ही ऑपरेशन भी टालने पड़े थे। बीते सप्ताह एम्स प्रबंधन ने इन निर्देशों में बदलाव करते हुए भर्ती से रोक हटा ली, लेकिन इस दौरान ओपीडी के संचालन पर लगी शर्तों को फिलहाल वापस नहीं लिया है।
अन्य अस्पताल भी जारी कर सकते हैं आदेश
आईसीएमआर के आदेश का हवाला देकर जल्द ही दिल्ली के अन्य अस्पताल भी भर्ती करने या सर्जरी से पहले रूटीन कोविड जांच बंद कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग सहित अन्य अस्पताल भी इस दिशा में विचार कर रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली सरकार के लोकनायक, जीटीबी, जीबी पंत सहित अन्य अस्पतालों में भी यह नियम लागू हो सकता है।
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