फेसबुक अपने प्लेटफार्म पर कुछ हानिकारक गतिविधियों में लिप्त वास्तविक यूजर्स के बीच समन्वय वाले समूहों को बंद करने के लिए और ज्यादा आक्रामक रुख अपनाएगा। इसके लिए इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म वही रणनीति अपनाएगा जो उसकी सिक्यूरिटी टीमें फेक अकाउंट्स के जरिये अभियानों के खिलाफ अपनाती हैं। पहली बार इस नए रुख के बारे में जानकारी दी गई है।
इसमें फेसबुक की सिक्यूरिटी टीमें ऐसे नेटवर्को को एक साथ बंद करने के लिए रणनीति अपनाती हैं जो सार्वजनिक बहस को फर्जी अकाउंट्स के जरिये प्रभावित करने के लिए अभियान चलाते हैं। नियम तोड़ने वाले राजनीतिक और अन्य समन्वय वाले अभियानों से फेसबुक कैसे निपटता है, उसके इस कदम से काफी गहरे प्रभाव पड़ सकते हैं। खासकर तब जबकि वैश्विक स्तर पर सांसद और विभिन्न सिविल सोसायटी समूह इसे लेकर फेसबुक पर भारी दबाव बना रहे हैं।फेसबुक का दोहरा रवैया, आम लोगों पर सख्ती, पावरफुल-सेलेब्रिटी व नेताओं को नियम तोड़ने की छूटसोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक (Facebook) पर डाटा चोरी के बाद अपने यूजर के साथ दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगा है। फेसबुक के नियम आम लोगों के लिए अलग हैं और पावरफुल लोगों के लिए अलग है। कंपनी आम लोगों के साथ सख्ती बरतती है लेकिन सेलेब्रिटी, नेता व बड़े लोगों को नियम तोड़ने की इजाजत देती है। वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक के नियम आम लोगों के लिए अलग हैं और पावरफुल लोगों के लिए अलग है। कंपनी आम लोगों के साथ सख्ती बरतती है लेकिन सेलेब्रिटी, नेता व बड़े लोगों को नियम तोड़ने की इजाजत देती है। कंपनी से नियम तोड़ने वाली ये विशेष सुविधा 58 लाख से ज्यादा लोगों को मिली हुई है। इनमें सेलेब्रिटी, राजनेता और हाई प्रोफाइल यूजर्स शामिल हैं। इन्हें कंपनी बिना निगरानी के किसी भी तरह की पोस्ट करने की छूट देती है. वहीं आम लोगों पर सख्ती की जाती है। ये खुलासा वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में किया गया है।