नई दिल्ली: पंजाब के संकट को लेकर कांग्रेस में अभी भी घमासान जारी है। दिल्ली में नवजोत सिंह सिद्धू ने सोनिया गांधी के साथ करीब आधे घंटे तक बैठक की, लेकिन इसमें भी कोई फैसला नहीं हो पाया है। इस बैठक में पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद रहे।

बैठक के बाद हरीश रावत ने कहा कि मैं अपनी रिपोर्ट देने के लिए सोनिया गांधी के पास आया था, लेकिन बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया है। इस मुद्दे पर सोनिया गांधी को आखिरी फैसला करना है।
इसलिए किया दिल्ली तलब:
कैप्टन के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू का मिशन रेजिगनेशन हुआ पूरी तरह फेल हो गया। आलाकमान के सामने नवजोत सिंह सिद्धू का दावा था कि वो करीब 15 कैबिनेट मंत्रियों और कई विधायकों के सामूहिक इस्तीफे आलाकमान को सौंप सकते हैं, लेकिन सिद्धू के आह्वान पर उनके समर्थन में सिर्फ 4 कैबिनेट मंत्री और 4 विधायक ही पहुंचे। इन तमाम लोगों ने भी इस्तीफे की रणनीति के तहत आलाकमान और कैप्टन पर दबाव बनाने से इनकार किया। जिसके बाद सिद्धू का मिशन रेजिगनेशन फेल होने पर आलाकमान की नाराजगी के चलते उन्हें दिल्ली तलब किया गया।
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली तलब किया था, उसी के बाद सिद्धू दिल्ली पहुंचे थे। सूत्रों के मुताबिक, देर रात मंत्रियों और विधायकों के साथ नवजोत सिंह सिद्धू की गुप्त मीटिंग से कैप्टन नाराज हैं। कैप्टन को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बैठक में मौजूद मंत्रियों और विधायकों को कैप्टन के खिलाफ भड़काया और एक साथ सभी को इस्तीफा देने के लिए उकसाया। इसके बाद देर रात सीएम कैप्टन अमरिंदर ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत से फोन पर बात की। कैप्टन और हरीश रावत की बातचीत के बाद आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को फौरन दिल्ली तलब किया।
चंडीगढ़ में नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने-अपने विधायकों और समर्थकों के साथ मीटिंग कर रणनीति बनाई। पहले सिद्धू ने चंडीगढ़ में केबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा के घर पर अपने समर्थक विधायकों के साथ मीटिंग की। नवजोत सिंह सिद्धू की बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपने मोहाली के सिसवां स्थित फॉर्म हाउस पर अपने करीबी विधायकों, मंत्रियों और सांसदों की आपात बैठक बुलाई थी।
नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों से सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह नाराज हैं। सूत्रों की मानें तो कैप्टन ने अपनी बात पार्टी आलाकमान को बता दी है। सूत्र बताते हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अभी भी इस बात पर अड़े है कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो पंजाब कांग्रेस में दो फाड़ हो जाएगी।
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