पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की कांग्रेस सरकार ने यहां के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक बड़ा तोहफा दिया है. पंजाब सरकार ने राज्य में छठे वेतन आयोग की अधिकांश सिफारिशों को अपनी मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस फैसले पर अंतिम मुहर लगाई गई. वेतन आयोग की सिफारिशें इस साल एक जुलाई से लागू हो जाएंगी और राज्य के पांच लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसका फायदा मिलेगा.
पंजाब सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, “राज्य के पांच लाख से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनर्स को इस निर्णय से फायदा मिलेगा. राज्य के आर्थिक हालात इतने अच्छे नहीं हैं लेकिन कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ये फैसला किया है.” आधिकारिक बयान के अनुसार, छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में पिछले वेतनमान के मुकाबले ढ़ाई गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा इसमें तीन प्रतिशत की सालाना वेतन वृद्धि भी शामिल की गई है. जानकारी के अनुसार इस निर्णय के लागू होने से राज्य सरकार पर 8637 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा.
न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए हुआ
इस निर्णय के लागू होने के बाद पंजाब के सभी सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 6,950 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये प्रति महीना हो गया है. कर्मचारियों और पेंशनर की तनख्वाह और पेंशन 1 जनवरी 2016 से बढ़ेगी और उन्हें एक जुलाई से इस नए वेतनमान के अंतर्गत सैलरी और पेंशन दी जाएगी.
1 जनवरी 2016 से 30 जून 2021 तक का कर्मचारियों और पेंशनर का मूल बकाया लगभग 13800 करोड़ रुपये है जिसे सरकार आने वाले साढ़े चार साल में नौ बराबर किश्तों में अदा करेगी. इसमें से एक किश्त इसी साल अक्टूबर में और दूसरी किश्त का जनवरी 2022 में भुगतान किया जाएगा.
न्यूनतम पेंशन 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये प्रति माह हुई
राज्य में इस निर्णय के लागू होने के बाद न्यूनतम पेंशन 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये प्रति माह हो गई है. साथ ही न्यूनतम पारिवारिक पेंशन भी 9,000 रुपये प्रति महीना हो गई है. इसके अलावा अब राज्य कर्मचारियों की तलाकशुदा और विधवा बेटी भी पारिवारिक पेंशन की हकदार होंगी. साथ ही सरकार ने 1 जुलाई 2021 से पेंशन की कम्यूटेशन 40 प्रतिशत तक बहाल करने को भी मंजूरी दे दी है