उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने द्वीट किया है, ‘देश के पहले पेपरलेस बजट में डिजिटल जनगणना की भी घोषणा की गई है। इससे किसी भी प्रकार की धांधली की गुंजाइश नहीं होगी और देश के सामने सही तथ्य सामने आएंगे।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए कई घोषणाएं कीं, जिसमें डिजिटल जनगणना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अब देश में डिजिटल जनगणना होगी और इसके लिए 3,768 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
भारत के इतिहास में यह पहली डिजिटल जनगणना होगी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार एक राष्ट्रीय भाषा अनुवाद पहल पर भी काम कर रही है। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही इसके संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि 2021 की जनगणना मोबाइल फोन एप्लिकेशन के माध्यम से की जाएगी, जिससे हमें कागज से डिजिटल जनगणना की तरफ जाने में मदद मिलेगी।
अमित शाह ने कहा था कि डिजिटल जनगणना इसलिए की जाएगी, ताकि डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने बताया था कि जनगणना के आंकड़ों को एक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से इकट्ठा किया जाएगा। यह एप्लीकेशन 16 भाषाओं में तैयार किया जाएगा और इसमें 12,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा था कि इस मोबाइल ऐप पर लोग खुद का और परिवार के बारे में जानकारियां अपलोड कर सकेंगे।