का गुरुवार को 57वां दिन है और अब तक किसान और सरकार में कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन सब कुछ बेनतीजा रहा. इस बीच किसानों की मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
टिकरी बॉर्डर, किसान की आत्महत्या करने से सहमा हुआ है. 42 वर्षीय किसान जय भगवान ने किसान आंदोलन के बीच मंगलवार को ज़हर खा लिया, अस्पताल ले जाने पर वहां उसने मंगलवार रात में ही दम तोड़ दिया जिसकी पुुुुुष्टि बुधवार को हुुुई. जहर खाने से पहले किसान ने देशवासियों के नाम पत्र लिखा था.
रोहतक जिले के पाकस्मा गांव से जय भगवान किसान दो-तीन दिन पहले आंदोलन में शामिल होने दिल्ली आया था. यहां उसने कृषि कानूनों के रद्द न होने, किसान और सरकार, दोनों का अपनी जिद पर अड़े होने का दुख जाहिर किया.
जहर निगलने से पहले जय भगवान ने देशवासियों के नाम पत्र लिखा. उसमें कहा कि वो इस बात से दुखी है कि न तो किसान मान रहे हैं न ही सरकार. साथ ही उसने कृषि कानूनों के समाधान का रास्ता भी पत्र में लिखा.
जय भगवान लिखा कि हर राज्य से सरकार को दो-दो कृषि नेता बुलवाने चाहिए. यदि बुलाये गए नेताओं में से अधिकतर विरोध करें तो कानून को रद्द कर देना चाहिए. साथ में लिखा कि मेरे भारत की पहचान मजबूत जवान, मेहनती किसान, ईमानदार इंसान है.