अमेरिका की नवनिर्वाचित उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने सोमवार को माना कि 20 जनवरी को जो बाइडन के अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद सरकार के सामने कई चुनौतियां होंगी और उन सबसे निपटना आसान नहीं होगा। बता दें कि बाइडन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद व्हाइट हाउस में प्रवेश करेंगे। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती कोविड-19 महामारी के कारण चरमरा रही अर्थव्यवस्था को दुरूस्त करने की होगी। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अमेरिका में तीन लाख 98 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
मार्टिन लूथर किंग जूनियर की जयंती पर मनाए जाने वाले ‘डे ऑफ सर्विस’ के मौके पर सोमवार को एनाकोस्टिया में गैर सरकारी संगठन ‘मार्थाज टेबल’ में आयोजित कार्यक्रम में हैरिस ने पत्रकारों से कहा, ‘हमें बहुत सारा काम करना है। इन चुनौतियों से निपटना इतना आसान नहीं होगा।’ हैरिस ने कहा, ‘हमने पहले भी चर्चा की है। जो (बाइडन) ने टीकाकरण, कामकाजी लोगों और परिवारों को राहत देने के लिए योजना बताई है। हमें बहुत कुछ करना है। कुछ लोग कहते हैं कि हमारा लक्ष्य बहुत महात्वाकांक्षी है। लेकिन हमारा मानना है कि कड़ी मेहनत और अमेरिकी संसद के सदस्यों की मदद से हम लोग इसे कर पाएंगे।’
उन्होंने कहा, ‘मैं अमेरिका की अगली उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने का इंतजार कर रही हूं। मैं फख्र के साथ सिर बुलंद कर वहां जाऊंगी और शपथ ग्रहण में हिस्सा लूंगी।’ कमला हैरिस और उनके पति डगलस एमहॉफ सोमवार को एनाकोस्टिया में ‘मार्थाज टेबल’ के कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान दंपति ने लोगों के लिए खाद्य सामग्री पैक की। हैरिस ने कहा, ‘हम लोग यहां सेवा कर रहे कार्यकर्ताओं की मदद के लिए आए हैं। ‘डे ऑफ सर्विस’ के मौके पर यहां जैक एंड जिल से कई स्कूली छात्र आए हैं। इस दिन हम लोग डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर को श्रद्धांजलि देते हैं और उनके योगदान को याद करते हैं।’
हैरिस (56) बुधवार को उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। वह पहली महिला, पहली अश्वेत और दक्षिण एशियाई मूल की पहली उपराष्ट्रपति होंगी। बता दें कि 1994 में संसद ने ‘मार्टिन लूथर किंग हॉलिडे’ को राष्ट्रीय सेवा दिवस के तौर पर मान्यता दी थी। वर्ष 2009 में तत्कालीन नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ओबामा ने राष्ट्रीय सेवा दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अमेरिका के सभी लोगों से हिस्सा लेने का आह्वान किया था। हर साल जनवरी के तीसरे सोमवार को मार्टिन लूथर किंग जूनियर की जयंती आयोजित की जाती है। मार्टिन लूथर किंग ने 1950 और 60 के दशक में अश्वेतों के अधिकारों के लिए अहिंसक प्रदर्शन किए थे।