अफगानिस्तान में एक तरफ अफगान सरकार और तालिबान के बीच कतर में शांति वार्ता चल रही है. वहीं दूसरी ओर तालिबान के हमले बीते दिनों काफी बढ़ गए हैं. आंतकी संगठन नई तरह के मैग्नेटिक बमों का इस्तेमाल करके सुरक्षाबलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की हत्याएं कर रहा है. सक्रिय आतंकी संघठन ने सिर्फ काबुल में बीते दिनों मैग्नेटिक हथियारों से कम से कम 10 सरकारी अधिकारियों की हत्या कर दी.
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इन हत्याओं के बाद दुनिया में तालिबान के इस हथियार को लेकर चिंता बढ़ गई है. अफगानिस्तान में दूसरे देशों के राजनयिक खासतौर पर खौफ में हैं. अफगानिस्तान के खुफिया दस्तावेज बताते हैं कि तालिबान कट्टरपंथ का विरोध करने वाले मध्यम दर्ज के अफगान अधिकारियों को अपना निशाना बना रहा है. एक राजनयिक ने आरोप लगाते हुए कहा कि तालिबान साजिश के तहत वरिष्ठ अधिकारियों या सेना के जनरलों पर हमला नहीं कर रहा है. तालिबान को शांति वार्ता के रद्द होने का डर भी सता रहा है.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने हाल के हमलों में मैग्नेटिक बमों के इस्तेमाल की बात स्वीकार करते हुए कहा कि इन हमलों में अफगान सरकार के सिर्फ उन अधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है जो शांति और युद्ध दोनों में शामिल हैं. आतंकी संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि वो सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाते रहेंगे लेकिन सोशल एक्टिविस्ट और पत्रकारों पर हमला नहीं करेंगे.
अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने मैग्नेटिक बमों के इस्तेमाल के लिए तालिबान को जिम्मेदार बताया. आतंकी संगठन के खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने आने-जाने का तरीका बदल दिया है. अधिकारी घर से दफ्तर आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्तों और गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
तालिबान का मैग्नेटिक बम लोहे से बनी गाड़ियों पर आसानी से चिपक जाते हैं, जिसके बाद हमलावर रिमोट कंट्रोल का इस्तेमाल करते वाहन को उड़ा देते हैं. इन बमों को गाड़ियों के नीचे आसानी से छिपाया जा सकता है, जिससे लोगों को इसकी मौजूदगी का पता नहीं लगता.