आंध्र प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही में अवरोध डालने पर तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के 10 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। बता दें कि विधायकों पर लगातार पांचवे दिन यह कार्रवाई की गई।
विधायकों के निलंबन के विरोध में तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू समेत पार्टी के दूसरे नेताओं ने विधानसभा से बहिर्गमन किया। टीडीपी ने एमजीएनआरईजीपी के तहत लंबित भुगतान के मामले में कार्य स्थगन प्रस्ताव के लिए एक नोटिस दिया और तुरंत चर्चा कराने की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष टी सीताराम ने प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। टीडीपी सदस्यों ने एनआरईजीपी के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए जोर दिया क्योंकि लाखों कामगारों को पिछले एक साल से ज्यादा समय से वेतन का भगुतान नहीं किया गया है। सदस्य आसन के पास जाकर नारेबाजी करने लगे।
इसके बाद अध्यक्ष ने कहा, ”आप हर दिन सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं। मुझे आपको निलंबित करते हुए दुख हो रहा है, लेकिन मेरे पास और कोई विकल्प नहीं है। इसके बाद सूचना मंत्री पेरनी वेंकटरमैया ने विपक्षी सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया और इसे ध्वनि मत से मंजूर कर लिया गया।”
बता दें कि इससे पहले, आंध्र प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के पहले ही दिन टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू व पार्टी के 13 अन्य विधायकों को सोमवार को एक दिन के लिए निलंबित किया गया था। आसन के समक्ष धरने पर बैठने के कारण इनके खिलाफ कार्रवाई हुई है। आंध्र प्रदेश विधानसभा में टीडीपी मुख्य विपक्षी दल है।
विधानसभा में पहला मौका था, जब चंद्रबाबू नायडू भी आसन के सामने जमीन पर बैठ गए। इस पर मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज तक इस सदन में किसी नेता प्रतिपक्ष ने इस तरह का व्यवहार नहीं किया है। टीडीपी विधायक सदन के भीतर प्रमुख मुद्दों पर नहीं बोलने देने के लिए वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।