दीवाली से पहले दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। इस समय त्यौहार की वजह से बड़ी संख्या में प्रवासी राज्य में पहुंच रहे हैं। जिससे एक बार फिर गांव- गांव, शहर- शहर संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। विदित है कि राज्य में पूर्व में कोरोना संक्रमण के मामले प्रवासियों के लौटने के बाद ही बढ़े थे।
हालांकि अक्तूबर आते आते सरकार ने संक्रमण पर काबू पा लिया और अभी संक्रमण काफी हद तक नियंत्रण मे है। लेकिन अधिकांश गतिविधियों के अनलॉक होने और प्रवासियों के बेरोकटोक आने से एक बार संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। राज्य में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को रिपोर्ट हुआ था। उसके बाद जमात के लोगों की वजह से संक्रमण में कुछ तेजी आई।
लेकिन संक्रमण में असली इजाफा मई के महीने में प्रवासियों की घर वापसी से हुआ था और सितम्बर में संक्रमण चरम पर पहुंच गया था। दिल्ली में संक्रमण बढ़ने से अब एक बार फिर राज्य में भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। राज्य सरकार सर्दियों एवं दीवाली सीजन को देखते हुए पहले ही राज्य में भी दूसरी लहर की आशंका जता चुकी है।
दीवाली से पहले दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर ने राज्य में संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ा दिया है। त्यौहार के सीजन में बड़ी संख्या में प्रवासी राज्य में आएंगे। ऐसे में संक्रमण बढ़ सकता है। हालांकि कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए मानकों का पालन किया गया तो संक्रमण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा संक्रमण की दर वायरस लोड पर भी निर्भर करेगी। स्वास्थ्य सिस्टम के साथ ही आम लोगों को भी बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है।
डॉ आरपी भट्ट, पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक-
त्यौहारी सीजन में दिल्ली की तीसरी लहर उत्तराखंड के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। संक्रमण प्रवासियों के लौटने के बाद राज्य में पहले भी बड़े स्तर पर संक्रमण फैल चुका है। ऐसे में बाहर से आ रहे सभी लोगों को होम आईसोलेशन का अनिवार्य रूप से पालन करना चाहिए। इसके साथ ही राज्य के लोगों को भी अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
डॉ डीएस रावत, पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक-
त्यौहारी सीजन में बाजारों में भीड़भाड़ की वजह से संक्रमण बढ़ने की आशंका है। दिल्ली में मामले बढ़ना भी चिंता की बात है। लेकिन इससे बचने का एक ही उपाय है के लोग सतर्क रहें और सावधानी बरती जाए। मास्क, सोशल डिस्टेसिंग और सेनेटाइजेशन के नियमों का पालन किया गया तो संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है।