ये एनडीए की ही सरकार है जिसने किसानों को लागत का डेढ़ गुना MSP देने की सिफारिश लागू की थी। ये एनडीए की ही सरकार है जिसने सरकारी खरीद केंद्र बनाने और सरकारी खरीद, दोनों पर बहुत जोर दिया है।
एनडीए के विरोधी दल जब किसानों के लिए कुछ कर नहीं पाए तो अब किसानों को लगातार झूठ बोलने में जुट गए हैं। आजकल ये लोग एमएसपी को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं।
बीते सालों में बिहार में 3,500 किमी के राष्ट्रीय राजमार्ग या तो बने हैं या उन्हें चौड़ा किया जा रहा है। भागलपुर से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए भी अब स्वीकृति दी जा चुकी है।
अब बिहार के गांवों में, छोटे शहरों में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था का और विस्तार होगा। जो नए कानून बने हैं उससे यहां के आम, मक्का, लीची, केले की पैदावार करने वाले किसानों को बहुत मदद मिलने वाली है। नए प्रावधानों से खेत के पास ही स्टोरेज की सुविधाएं तैयार होंगी।
अभी हाल ही में देश की कृषि को आधुनिक बनाने के लिए बड़े सुधार किए गए हैं, उनका भी लाभ बिहार के किसानों को होगा। मंडियों से जुड़ा कानून तो यहां पहले ही खत्म कर दिया गया था अब बिहार में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर और तेजी से काम होने की संभावना बनी है।
सामान्य जन की सुविधा के लिए, बिहार के युवा के रोजगार और स्वरोजगार के लिए बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी था। इसी सोच के साथ बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपए का प्रधानमंत्री पैकेज घोषित किया गया था।
बिहार में पहले जो सरकारें रही उन्होंने आदिवासियों के कल्याण के लिए उन्हें शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए सिर्फ और सिर्फ झूठे वादे किए। अब एनडीए सरकार आदिवासी बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ, उनके लिए घर, उनके लिए रोजगार पर पूरा ध्यान दे रही है।
भागलपुर सहित बिहार के शहरों की जो हालत इन लोगों ने कर दी थी, वो आप अच्छी तरह जानते हैं। छोटे दुकानदार, व्यापारी कारोबारी, मज़दूर इनके जंगलराज में हर कोई परेशान था। इसी का नतीजा था कि भागलपुर, मुंगेर सहित यहां के तमाम जिलों में दूसरे उद्योगों के लिए भी जो अवसर थे, वो खत्म होते गए।
बिहार अच्छी शिक्षा के अवसरों का भी हकदार है। क्या ये उन लोगों द्वारा सुनिश्चित किया जा सकता जिन्हें शिक्षा का महत्व ही नहीं पता या वो लोग जो आईआईटी, आईआईएम और एम्स को राज्य में लाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
बिहार बेहतर कानून व्यवस्था का हकदार है। ये कौन सुनिश्चित करेगा? वो जिन्होंने गुंडों को खिलाया-पिलाया पाला या वो जिन्होंने गुंडों पर डंडा चलाया।