आरक्षणः एक बार फिर मैदान में आए जाट, सेना ने भी संभाला मोर्चा

jat-reservation_1485622794 (1)11 महीने बाद आज से फिर जाट आरक्षण आंदोलन शुरु हो गया है। जानिए क्या है इनकी मांगे, क्यों इस बार सेना को तैयार रखा गया है?

 अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने आज से प्रदेश भर में धरना शुरु कर दिया है। धरने में गुरुग्राम, मेवात व पंचकूला को शामिल नहीं किया गया है। पिछले आंदोलन में फजीहत झेल चुकी सरकार भी इस बार आंदोलन से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है। रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद, हिसार समेत 10 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। 
 संवेदनशील जिलों में पुलिस के साथ अर्ध सैनिक बलों ने मोर्चा संभाल लिया है। मुनक नहर, रेलवे और बस स्टेशनों पर कड़ी चौकसी रखी जा रही है। शहरों में जगह-जगह नाकाबंदी कर दी गई है। शनिवार को सुरक्षा बलों ने कई जगह फ्लैग मार्च कर जनता में सुरक्षा के प्रति विश्वास जगाने की कोशिश की। प्रशासन ने कानून हाथ में लेने वालों, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
 ये हैं मुख्य मांगे
– हरियाणा में अध्यादेश लाकर जाट जाति को पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया जाए। उसके बाद विधानसभा के सत्र में बिल लाकर हरियाणा के जाटों को आरक्षण दिया जाए।
-केंद्रीय स्तर पर जाटों को आरक्षण के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन बिल लाकर बजट सत्र में प्रदेश और केंद्र सरकार की ओबीसी सूची में व्याप्त विसंगतियों को दूर किया जाए।
 ये हैं मुख्य मांगे
– हरियाणा में पिछले आंदोलन के दौरान गोली चलाने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
– आंदोलन में शहीद हुए परिवारों को उचित मुआवजा एवं उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए।
– पिछले और वर्तमान आंदोलन में दर्ज सभी मुकदमों को वापस लिया जाए और जेल में बंद युवाओं को रिहा किया जाए।
 

 सरकार वादा करने के बाद मांगें नहीं मान रही: यशपाल
जाट आरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से मांगें न माने जाने पर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति रविवार से अनिश्चितकालीन धरने पर रहेगी। सरकार वादा करने के बाद भी उनकी मांगें नहीं मान रही है। इस कारण ये कदम उठाया जा रहा है। जो लोग आंदोलन को खत्म करने या समझौते को लेकर सरकार से बातचीत कर रहे हैं, वह सरकार के एजेंट हैं और आंदोलन को सफल नहीं होने देना चाहते हैं।- यशपाल मलिक, अध्यक्ष अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति।
 सेना भी तैयार, सरकार के इशारे का इंतजार
जाट आरक्षण आंदोलन के पिछले अनुभव के चलते अंबाला में सेना भी अपनी तरफ से तैयार है। सेना के सूत्रों के अनुसार हर जिले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। वैसे तो इस बार हालात सामान्य रहने की उम्मीद है लेकिन यदि जरूरत पड़ने पर सरकार का इशारा होता है तो सेना भी मोर्चा संभालने के लिए तैयार है।
 इन जिलों में होगा धरना
रोहतक, झज्जर, सोनीपत, भिवानी, चरखीदादरी, रेवाड़ी, सिरसा, फतेहाबाद, जींद, हिसार, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल(यमुनानगर में धरना 31 से, नारनौल में अभी कार्यक्रम तय नहीं)

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com