बाराबंकी में चिप व रिमोट से घटतौली का STF ने किया राजफाश, पांच पर मुकदमा-ऐसे देते थे अंजाम

पेट्रोल पंप के बाद अब इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन में चिप व रिमोट से घटतौली का खेल उजागर हुआ है। इसका राजफाश भी यूपी एसटीएफ ने किया है। एसटीएफ ने लोनीकटरा पुलिस के साथ इस मामले में लिप्त मुख्यारोपित को गिरफ्तार किया है। इसमें इलेक्ट्रानिक वेटिंग मशीन में चिप लगाकर रिमोट से प्रति किलो ग्राम पर 100 ग्राम की घटतौली की जा रही थी। अपराधी लखनऊ सहित आसपास के जिलों के बड़े गल्ला व्यापारी के संपर्क में थे। यह वेटिंग मशीन में चिप लगाकर रिमोट लाखों में बेचते था। अब जिलों के बड़े गल्ला व्यापारी एसटीएफ और पुलिस की राडार पर हैं।

एसएसपी एसटीएफ ने मिली सूचना पर एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के पर्यवेक्षण में टीम बनाई। जिसमें एसआई शिननेत्र सिंह, मनोज सिंह, सिपाही सुधीर कुमार, राजकुमार शुक्ला शामिल किए गए। टीम को पता चला कि मुख्य आरोपित 21 अगस्त को एक बिगड़ी मशीन को ठीक करने जा रहा है। सूचना मिलते ही एसटीएफ ने लोनीकटरा कोतवाल अशोक यादव संपर्क साधा। लोनीकटरा थाना क्षेत्र के ग्राम मंगलपुर में स्थानीय पुलिस एसटीएफ को मिली। बैजनाथ किसान इंटर कॉलेज के पास टीम ने मुख्यारोपित दिनेश उपाध्याय निवासी 355/ 356 जोशी टोला बिरहाना थाना नाका हिंडोला लखनऊ को धरदबोचा। पुलिस ने बताया कि दिनेश ही इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन में चिप लगाता था और इस चिप को कंट्रोल करने वाला रिमोट अशफाक निवासी माधव कंप्लीट आलमबाग लखनऊ बनाता हैं। यह लोग इसके लिए नवल पांडे निवासी पकरी का पुल नियर आलमबाग लखनऊ से उपकरण खरीदते थे।

बरामद हुआ यह समान

कूट रचित डिवाइस, दो रिमोट, दो इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन और दिनेश के पास से अन्य उपकरण और मरम्मत का सामान बरामद हुआ।

ऐसे होती थी घटतौली

दिनेश उपाध्याय ने पुलिस को बताया कि वह कई जिलों के बड़े गल्ला व्यापारियों के लिए काम करता था। मशीनों में प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) लगाकर प्रति किलोग्राम लगभग 100 ग्राम की घटतौली की जा रही थी। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को पीसीबी में ही इस प्रकार प्रोग्राम किया गया था कि जिससे उसको मनमाने तरीके से नियंत्रित करके घटतौली की जा सके। रिमोट दबाते ही एक किलो ग्राम राशन तत्काल नौ सौ ग्राम हो जाता था। इससे गल्ला बेचने वाले किसानों को भनक भी नहीं लगती थी।

वेट मशीनों का नहीं होता था प्रमाणीकरण

बाट माप विभाग इधर कुछ दिनों से वेटिंग मशीनों का प्रमाणीकरण करने में लापरवाही बरत रही है। जो व्यापारी मशीन लेकर ऑफिस आ जाता है, उसी मशीन का प्रमाणीकरण होता है। जिसकी पुष्टि एसटीएफ और पुलिस के राजफाश में हुआ। मशीन पर निर्माता कंपनी का भी कोई विवरण नहीं अंकित रहता है। इससे विभागीय भूमिका भी पर सवाल उठ रहे हैं।

फरार हो गए आरोपित 

दिनेश ने बताया कि शमशुल हसन व उसके भाई मोहम्मद लल्लन पुत्र स्व. गौरवा उस्मानपुर थाना लोनीकटरा की मशीन खराब हो गई थी, जिसे ठीक करने गया था। टीम गौरवा उस्मानपुर पहुंची तो शमशुल हसन व मोहम्मद लल्लन फरार हो गए।

इन पर हुआ मुकदमा 

एसटीएफ के एसआई शिवनेत्र सिंह ने पांच पर नामजद मुकदमा कराया है। लोनीकटरा कोतवाल अशोक यादव ने बताया कि मुख्यरोपित दिनेश उपाध्याय, अशफाक, नवल पांडे यह तीनों लखनऊ के हैं।जबकि शमशुल हसन व मो. लल्लन गौरव उस्मानपुर के रहने वाले हैं।

 

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