औद्योगिक थाना क्षेत्र के जवाहर नगर चारबत्ती चौराहे के समीप गुरुवार तड़के करीब पांच बजे जर्जर मकान की छत गिर गई। मलबे में छत के नीचे सो रहे पति-पत्नी और उनके दो बच्चे दब गए। इससे दो बच्चों व उनकी मां की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि परिवार के मुखिया ने इंदौर ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। पति-पत्नी मूल रूप से झाबुआ जिले के ग्राम पारा के रहने वाले थे। प्रेम विवाह करने के बाद करीब 15 वर्ष से वे यहां रह रहे थे। चारों का अंतिम संस्कार स्थानीय जवाहरनगर मुक्तिधाम पर किया गया।
जानकारी के अनुसार जीप ड्राईवर 34 वर्षीय मोहन कहार पुत्र शांतिलाल कहार निवासी ग्राम पारा (झाबुआ) हालमुकाम चार बत्ती चौराहा जवाहर नगर में दयाशंकर वर्मा के मकान में किराए से रह रहे थे। वे बुधवार रात पत्नी 32 वर्षीय शर्मिला, 11 वर्षीय पुत्र राजवीर उर्फ कान्हा व 6 वर्षीय पुत्री इशिका के साथ सो गए थे। गुरुवार सुबह करीब पांच बजे चारों नींद में थे, तभी मकान की छत उनके ऊपर जा गिरी। छत गिरने से जोरदार आवाज होने पर आसपास के लोग, पूर्व पार्षद राजीव रावत और मॉर्निग वॉक पर निकले लोग मौके पर पहुंचे। तत्काल मलबा हटाकर चारों को बाहर निकालकर जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन, तब तक शर्मिला, राजवीर व इशिका की मौत हो चुकी थी।
वहीं गंभीर रूप से घायल मोहन को भर्ती कर लिया। प्राथमिक उपचार के बाद मोहन को इंदौर रेफर किया गया। सुबह नौ बजे मोहन को इंदौर ले जाया जा रहा था, तभी उसने रास्ते में करीब 30 किलोमीटर दूर सिमलावदा के समीप दम तोड़ दिया। उसका शव भी जिला अस्पताल लाया गया।
सूचना मिलने पर जोबट थाने में पदस्थ मोहन का भाई आरक्षक फकीरचंद्र, मां उमा, उज्जैन व बड़नगर से शर्मिला की बहनें व अन्य रिश्तेदार जिला अस्पताल पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिए गए। दोपहर में चारों के शव जवाहर नगर स्थित घर पर ले जाए गए। कुछ देर रखने के बाद अंतिमयात्रा मुक्तिधाम ले जाई गई, जहां चारों का अंतिम संस्कार किया गया।