भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार, विश्लेषकों ने बताया अर्थव्यवस्था ‘V’ आकार की बजाय ‘U’ या ‘W’ आकार में

विश्लेषकों का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार ‘V’ आकार की बजाय ‘U’ या ‘W’ आकार में है, क्योंकि कोरोना वायरस के प्रभावित भारत एक ऐसा देश है, जो महामारी से पहले भी ग्रोथ को लेकर संघर्ष कर रहा था। सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा, ‘कोरोना वायरस की शुरुआत से पहले  भारत की जीडीपी ग्रोथ 4.5 फीसद तक सुस्त हो चुकी थी।’

सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च ने रिपोर्ट में कहा, ‘भारत कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सही नीति अपनाते हुए जल्दी लॉकडाउन में चला गया, इससे संक्रमण को शिखर पर पहुंचने में देरी हुई, लेकिन इकॉनोमिक रिकवरी बहुत धीमी हो गई।’ पिछले दो वर्षों की ग्रोथ को देखते हुए सरकार के पास अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के सीमित संसाधन हैं। हम मानते हैं कि भारत में कोरोना का प्रभाव गंभीर होगा और अर्थव्यवस्था में सुधार यू या डब्ल्यू आकार में होगा, ना कि वी आकार में।’ आर्थिक मंदी और रिकवरी अक्सर सबसे आम यू, वी या डब्ल्यू आकार में होती है।

वी आकार की मंदी एक बड़ी गिरावट के साथ शुरू होती है, लेकिन सुधार भी तेजी से होता है। डब्ल्यू आकार की मंदी वी आकार की मंदी की रफ्तार से ही शुरू होती है, लेकिन बीच में एक बार रिकवरी आती है और फिर मंदी आती है। इसके बाद तेजी से रिकवरी होती है। इसे डबल-डिप मंदी भी कहते हैं। वह इसलिए क्योंकि इसमें अर्थव्यवस्था पूरी तरह रिकवर होने से पहले दो बार गिरती है।

वहीं, यू आकार की रिकवरी में शुरुआत तेज गिरावट के साथ होती है। फिर थोड़ी स्टेबल होती है और फिर तेजी से रिकवरी होती है। यह लगभग वी आकार की रिकवरी की तरह ही होती है। फर्क़ सिर्फ इतना है कि इसमें बीच में थोड़ा ठहराव आता है। सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के जल्दी लॉकडाउन में चले जाने के कारण, संक्रमण के शिखर पर पहुंचने में देरी हुई।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com