नरेंद्र मोदी और कांग्रेस का छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है। ऐसे में क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यदि मोदी को कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर मिले तो उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी !
वीडियो पुराना है, लेकिन आज भी प्रासंगिक है। दरअसल, टीवी पर एक बहस के दौरान एक बार मोदी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश आमने-सामने थे। 1998 में मोदी को प्रोन्नत कर भाजपा का महासचिव (संगठन) बना दिया गया था। वह इस पद पर अक्टूबर, 2001 तक रहे। इस दौरान टीवी पर बहस मोदी और जयराम रमेश्ा के बीच बहस चल रही थी। इस बहस में कांग्रेस द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को गिराने की सुगबुगाहट पर चर्चा चल रही थी। जयराम ने कहा कि कांग्रेस ऐसा नहीं करना चाहती।
इस पर मोदी ने जवाब देते हुए कहा, मुझे लगता है कि इस विषय में कांग्रेस ईमानदार और सच बोलती है कि इस सरकार को नहीं गिराएंगे। क्योंकि कांग्रेस का इमीडिएट गोल तीसरे मोर्चे को खत्म करना है। उसके पास जो वोट है, वो कांग्रेस में वापस लाना। इसलिए कांग्रेस की पूरी रणनीति इस थर्ड फ्रंट को खत्म करने में है, जब तक वह इस काम को पूरा नहीं करेंगे, तब तक हमारी तरफ नहीं मुड़ेंगे।