50 हजार से अधिक सांपों को पकड़ चूका था ये… शख्स लेकिन इस सांप ने लिया काट और फिर…

आमतौर पर ये माना जाता है कि पशु-पक्षियों के लिए काम करने वाले लोग उनके साथ फैमिलियर हो जाते हैं इस वजह से वो जानवर उनको नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं। मगर फिर भी कभी कभार परिस्थितियां ऐसी हो जाती है कि यही पालतू जानवर उनको अस्पताल पहुंचा देते हैं। कुछ ऐसा ही हादसा केरल राज्य में हुआ। केरल में प्रसिद्ध वन्यजीव संरक्षणकर्ता रहते हैं। उनका नाम वावा सुरेश है। वो प्रसिद्ध वन्यजीव संरक्षणकर्ता है। बताया जाता है कि वावा सुरेश अब तक 50,000 से अधिक आवारा सांपों को पकड़ चुके हैं। सुरेश के इंस्टाग्राम पर अलग-अलग तरह के सांपों के साथ उनकी फोटो भी देखी जा सकती है।

सांप को पकड़ लिया था, उसी ने काटा

सुरेश केरल के पठानमथिट्टा में एक घातक सांप को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, वो सांप को पकड़ चुके थे। पकड़े गए सांप को देखने के लिए आसपास काफी संख्या में लोग जमा हो चुके थे। इसी दौरान इस खतरनाक किस्म के सांप पिट वाइपर बिट ने सुरेश को काट लिया। सांप ने सुरेश की उंगली पर काटा, उसके बाद वो बेहोश होकर गिर गए। आसपास मौजूद लोग उनको लेकर अस्पताल गए। बेहतर चिकित्सा सहायता के लिए सुरेश को उनके गृहनगर तिरुवनंतपुरम स्थित एक मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां उसे 72 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

सुरेश का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि सुरेश को सांप काटे जाने का पुराना इतिहास है। सुरेश को जानने वाले वन्यजीव प्रेमियों ने बताया कि उसे बचपन से ही सांप काटते रहे हैं, अब तक उसे 3500 से अधिक सांप काट चुके हैं। जिनमें से 350 से अधिक जहरीले और खतरनाक किस्म के थे। डॉक्टरों ने बताया कि सुरेश का शरीर एंटी वेनम उपचारों के लिए प्रतिरोधी बन चुका है, इस वजह से उसे अधिक समस्या नहीं होती है।

सुरेश का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने खुलासा किया कि सुरेश को सांप के काटने का इतिहास है। 2017 में वापस, वन्यजीव प्रेमी ने उल्लेख किया था कि उसके बचपन से ही 3,500 से अधिक सांप उसके पास थे, जिनमें से 350 से अधिक सांप जहरीले नागों द्वारा काटे गए थे। मेडिक्स चिंतित हैं कि सुरेश का शरीर एंटी-वेनम उपचारों के लिए प्रतिरोधी बन सकता है।अब तक, सांप को बचाने वाले को 72 घंटे तक निगरानी में रखा गया है। 46 साल का सुरेश दक्षिण भारत में सबसे प्रसिद्ध स्नैक कैचर्स में से एक के रूप में जाना जाता है। केरल खासतौर पर 110 सांपों की प्रजातियों का घर बताया जाता है।

डब्ल्यूएचओ (WHO)के अनुसार लगभग 2.8 मिलियन भारतीय प्रतिवर्ष सांपों द्वारा काटे जाते हैं। जिससे 46,000 मौतें हो जाती हैं और 1,40,000 लोग विकलांग हो जाते हैं। सर्पदंश और मौतों की कुल संख्या निर्धारित करना कठिन है क्योंकि अधिकांश घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में होती हैं और वो रिपोर्ट नहीं की जाती है।

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