चीन ने एकबार फिर लद्दाख सीमा के पास भारत की सुरक्षा के खिलाफ एक कदम उठाया है। चीन, लद्दाख के सीमावर्ती इलाके में अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) ने लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग झील के पास सैन्य बुनियादी ढांचे के विकास पर काम करना शुरू कर दिया है।
एक सूत्र ने बताया कि चीनी सेना ने इस इलाके में टेंट स्थापित किया है और वह इस इलाके में भूमिगत सुरंगों का निर्माण किया है, वहीं पैंगोंग त्सो क्षेत्र के पास विवादित फिंगर 8 माउंटेन स्पर में और अधिक सुरंगों का निर्माण चीनी सेना कर रही है। सूत्र के मुताबिक, ‘ये देखा जा रहा है कि चीनी सेना ने तैनाती और इलाके में गश्त बढ़ाई है। वे अब इलाके के आसपास के इलाकों में भारतीय सेना के जवानों की आवाजाही पर ऐतराज जता रहे हैं।’
बता दें, अब तक इस विवादित क्षेत्र में किसी तरह का सैन्य बुनियादी ढांचा नहीं बनाया गया है, जहां चीनी सेना गश्ती के लिए आई थी।लेकिन टेंट की स्थापना करने के साथ ही चीनी सेना ने जिस तरह खुद को इस सीमावर्ती इलाके में तैनात किया है, यह भारत के लिए चिंता का विषय बन गया है।
पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर फिंगर -8 (पर्वतीय स्पर्स) क्षेत्र में विवादित फिंगर-5, भारत और चीनी सेनाओं के बीच हिंसक झड़प का गवाह बना था। 15 अगस्त, 2017 को एक दूसरे को घायल करने के लिए दोनों सेनाओं ने पत्थरों और लोहे की छड़ों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
PM मोदी ने सच किया सपना
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर नरेंद्र मोदी सरकार ने उनका एक और सपना पूरा किया। जून 2000 में वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई लद्दाख के रोहतांग टनल का काम पूरा करने के साथ ही अब लेह और मनाली को जोड़ने वाली इस सुरंग मार्ग का नाम अटल-टनल रखने का भी ऐलान किया। इस मार्ग पर अगस्त 2020 से आवाजाही भी शुरू होने की उम्मीद है।