उत्तराखंड कैबिनेट की मंजूरी के बाद जनवरी से राज्यकर्मियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलने जा रहा है। वित्त विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया है।अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र की ही तर्ज पर राज्यकर्मियों को वेतन आयोग का फायदा मिलेगा। इससे करीब 3200 करोड़ रुपये का सालाना बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा। इसमें एरियर के मद में दिए जाने वाली राशि शामिल नहीं है। वेतनमान और ग्रेड पे का 125 फीसदी डीए भी राज्यकर्मियों को मिलेगा।सातवें वेतन आयोग लगने के बाद औसत 14.5 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी होने की बात सामने आ रही है। वित्त विभाग के अधिकारियों की मानें तो अभी यह बढ़ोतरी भले ही कम लग रही है, लेकिन भविष्य में डीए बढ़ने पर कर्मचारियों को खासा लाभ होगा।वित्त विभाग के सूत्रों की मानें तो सातवें वेतन आयोग के एरियर को पांच किस्तों में दिए जाने की तैयारी है। हालांकि उत्तर प्रदेश इसे अगले दो वित्तीय वर्षों में दो किस्तों में देने का एलान कर चुका है।इधर, उत्तराखंड की माली हालत को देखते हुए इसे दो से तीन वित्तीय वर्षों में चार से पांच किस्तों में देने की तैयारी है।सातवें वेतन आयोग में भत्तों का लाभ केंद्र के समान राज्यकर्मियों को नहीं मिलेगा, क्योंकि भत्तों का निर्धारण राज्य सरकारों के स्तर से होता है। यह जरूर है कि राज्य सरकार एचआरए समेत वेतन के साथ मिलने वाले अन्य भत्तों को परिवर्तित कर सकती है।सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके ग्रेड-पे के हिसाब से मिलेगा। उदाहरण के लिए 1800 से 2400 ग्रेड-पे में ज्यादातर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आते हैं।वहीं समूह-ग के ज्यादातर कर्मचारी 2800 ग्रेड-पे में आते हैं। इसी तरह समूह-ख के अधिकारी 4200-4800 ग्रेड-पे में रहते हैं, जबकि समूह-क यानी क्लान वन अफसरों का ग्रेड-पे 5400 रुपये से शुरू होकर 10,000 रुपये तक जाता है।