तो क्या श्रीकृष्ण की जन्मकुंडली में था यह भयानक दोष?

krishnamorpankh_17_12_2016मोर को यदि दुनिया का सबसे सुंदर पक्षी कहें तो ये अतिशयोक्ति नहीं होगी। मोर अपने पंखों के कारण सुंदर है। मध्यम बारिश में जब मोर अपने पंख फैलाकर नाचता है, तब इस दृश्य को देखना काफी रोमांचकारी होता है।मोर पंख को वास्तु की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है। ज्योतिष का मत है मोर पंख साथ रखने से विपत्तियां टल जाती हैं। देवी सरस्वती का वाहन मोर, जापान, थाईलैंड, चीन में भी पूजा जाता है।घर में मोर पंख रखना शुभ माना गया है। मोर पंख को लाकर्स में रखने पर कभी धन की कमी नहीं रहती है। ठीक इसी तरह, यदि नवजात शिशु के सिर की तरफ चांदी के ताबीज में मोर पंख रखा जाए तो उससे हर तरह की नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।

इसलिए कन्हैया पहनते थे मुकुट

शास्त्रो के अनुसार 1967 में सोलन में आयोजित एक ज्योतिषीय सम्मेलन में कृष्ण के कुंडली दोष पर विस्तार से चर्चा हुई थी। वहां एक जैन ज्योतिषी का कहना था कि कृष्ण अपनी कुण्डली में मौजूद कालसर्प योग के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए मोर मुकुट धारण किया करते थे।ज्योतिषियों का मानना है कि कालसर्प योग के सारे लक्षण कृष्ण के जीवन में नजर आते हैं। जेल में जन्म होना इसके बाद माता-पिता से दूर रहना कालसर्प का प्रभाव है कालसर्प का एक प्रभाव यह भी होता है कि व्यक्ति 36 वर्ष के बाद सभी प्रकार का ऐश्वर्य तो पा लेता है लेकिन उसका उपभोग नहीं कर पाता है। श्रीकृष्ण के साथ भी ऐसा ही हुआ था।

 

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