पंजाब में ऐसा करने के लिए लोगों ने धर्म का सहारा लिया है। अलग-अलग जिलों में कुछ मान्यता प्राप्त गुरुद्वारों व मंदिरों में ऐसे नोटों को देकर वहां से सौ-सौ रुपये के नोट हासिल किए जाते रहे। ऐसा लुधियाना, पटियाला, अमृतसर सहित अन्य जिलों में भी किए जाने की सूचना है। जिन लोगों के संबंध मंदिर या गुरुद्वारों के चढ़ावे को संभालने वालों से थे उनके द्वारा पांच सौ व हजार रुपये के नोट वहां देकर सौ-सौ रुपये के नोट हासिल किए गए।
चूंकि धार्मिक स्थल में चढ़ावे के पैसे उतने ही रहे, सिर्फ नोट ही बदले इसलिए इस काम में कोई परेशानी नहीं हुई। प्रदेश में कई मंदिर व गुरुद्वारे ऐसे हैं जहां प्रतिदिन लाखों में चढ़ावा चढ़ता है। अमृतसर में ही दो प्रमुख धार्मिक स्थलों में श्रद्धालु करीब 45 लाख रुपये प्रतिदिन चढ़ाते हैं। ऐसी स्थिति में बहुत सारे सौ-सौ के नोट वहां पर चढ़ाए जाते हैं। इसका हिसाब भी नहीं रखा जाता कि कितने सौ-सौ रुपये के नोट चढ़ाए गए और कितने पांच सौ या हजार के।
पता चलने पर कार्रवाई होगी : प्रिंसिपल कमिश्नर ऑफ इन्कम टैक्स अमृतसर-1 के एसजे सिंह ने कहा कि यदि ऐसा किया गया है तो यह गलत है। इसके बारे में जानकारी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि दो लाख रुपये तक के नोट तो बैंकों में जमाकर उसके बदले दूसरे नोट हासिल किए जा सकते हैं।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रवक्ता व अतिरिक्त सचिव दिलजीत सिंह बेदी ने बताया कि एसजीपीसी के मुख्य सचिव ने गुरुद्वारा एक्ट 85 के तहत आते सभी मैनेजरों को हिदायत दी है कि आठ नवंबर तक गुरुद्वारा साहिब के खजाने व हाथ की बाकी रकम की डीटेल कैश बुक, खजाना रजिस्टर में बनाकर भेजी जाए। मौजूदा राशि में 500 व एक हजार रुपये के नोट तुरंत दस नवंबर शाम तक बैंकों में जमा करवाए दिए जाएं।