नई दिल्ली ऑस्ट्रेलिया के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी शेन वाटनस अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बल्ले के आकार को सीमित करने के पक्ष में नहीं हैं।
मेर्लबर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की विश्व क्रिकेट समिति ने पिछले सप्ताह मुंबई में दो दिवसीय सम्मेलन के बाद बल्ले के चौड़ाई और लंबाई के आकार को सीमित करने की सिफारिश की। क्रिकेट की नियामक संस्था-एमसीसी की समिति ने बल्ले के आकार की सीमा भी निर्धारित करने की सिफारिश की है। उसका मानना है कि खेल अब बल्लेबाजों के पक्ष में हो गया है। इसलिए उसका मानना है कि अब समय आ गया है जब बल्ले की चौड़ाई और लंबाई की सीमा तय की जाए। इसके अलावा क्रिकेट में फुटबाल की तरह अब खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखा कर मैदान से बाहर भेजा जा सकता है। समिति की इन सिफारिशों को लेकर वाटसन संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि गेंदबाजों को बल्लेबाजी की तकनीकि के साथ विकसित करने की जरूरत है और बल्लेबाजों को इसकी सजा नहीं मिलनी चाहिए।
वाटसन ने वेबसाइट ‘क्रिकेट डॉट कॉम एयू’ को दिए अपने बयान में कहा, “मुझे नहीं लगता कि बल्लों का आकार सीमित होना चाहिए, क्योंकि अमत में खेल को ही हमें आगे बढ़ना है।”
उन्होंने कहा कि क्रिस गेल जैसे खिलाड़ी तीन पाउंड के बल्ले का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए, प्राकृति रूप से उनका बल्ला बड़ा होगा लेकिन वह इस प्रकार के बल्ले को उठा पाने में सक्षम हैं।
एमसीसी की मुख्य समिति से अब बल्ले की चौड़ाई को 40 मिलीमीटर और बल्ले की गहराई को 67 मिलीमीटर (60 मिलीमीटर गहराई के साथ सात मिलीमीटर मोड़) तक सीमित करने को कहा जाएगा। अगर इस सिफारिश को मंजूरी मिल जाती है तो नियम क्रिकेट के नए नियमों में शामिल हो जाएंगे और एक अक्टूबर 2017 से लागू किए जाएंगे।
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