नई दिल्ली| केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार 2019 तक देश के हर घर तक बिजली आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘लॉरेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन समिट’ को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से बच्चों के लिए इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए एक साथ कार्य करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सतत विकास लक्ष्य 2030 का इंतजार क्यों करना? हमारे बच्चों के लिए चौदह साल बहुत लंबा और बहुत महत्वपूर्ण समय है। अगर हमें अंतर कम करना है, तो हमें इसे अभी करना होगा।”
गोयल ने कहा, “मोदी सरकार ने 2022 तक हर घर को बिजली पहुंचाने का आश्वासन दिया। लेकिन, मैं इसे एक निजी मिशन की तरह लेते हुए यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि 2019 तक हर घर में बिजली पहुंच सके, ताकि बच्चे एक बेहतर जीवन के लिए समान अवसर प्राप्त कर सकें।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक छोटा कर्ज है जो हमारे बच्चों के लिए हमारी पीढ़ी पर बकाया है।”
विद्वानों और नेताओं को एक साथ लाने वाले सम्मेलन की प्रशंसा करते हुए कि गोयल ने कहा कि यह बाल श्रम, तस्करी और गुलामी के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया के एक साथ आने का समय है।
उन्होंने कहा, “हमें दुनिया की अंतरात्मा को जगाना होगा, हमें बताना होगा कि हम अपने बच्चों की बेहतरी के लिए एक साथ आ गए हैं। अगर हम बच्चों के लिए एक साथ खड़े नहीं होंगे तो हम किसी औ बात के लिए भी खड़े नहीं हो पाएंगे।”
उन्होंने कहा, “कश्मीर घाटी में स्कूलों को जला दिया गया लेकिन मैं कश्मीरी छात्रों के धैर्य और दृढ़ संकल्प को सलाम करता हूं जो आतंकवादी धमकियों के बावजूद बड़ी संख्या में बोर्ड परीक्षाओं के लिए आए। विपरीत परिस्थितियोंके बावजूद 95 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने बोर्ड परीक्षा दी।”
नरेंद्र मोदी सरकार की बाल अधिकारों पर विभिन्न योजनाओं को गिनाते हुए गोयल ने कहा कि शिक्षा बच्चों के सामने पेश आने वाले भेदभाव और पूर्वाग्रहों के खिलाफ लड़ाई का एक शक्तिशाली हथियार है।
सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन तवक्कुल करमान और लेमाह ग्बोवी जैसी नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं सहित पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड और पनामा की राष्ट्रपति की पत्नी लोरेना कैस्टिलो ने बच्चों के अनुकूल दुनिया बनाने के लिए अपने विचार साझा किए।