FANI से भी खतरनाक तूफान, गई थीं तीन लाख जानें…

ओडिशा और उसके आस-पास के इलाकों में FANI तूफान अपना कहर बरपा रहा है। ‘फानी’ को पिछले कुछ साल में आए तूफानों में से सबसे खतरनाक तूफान माना जा रहा है। हालांकि, इससे पहले भी दुनिया में कई ऐसे तूफान आए हैं, जिन्होंने भयानक तबाही मचाई है।

अगर इतिहास के सबसे खतरनाक तूफान की बात करें तो यह तूफान भी भारत के आस-पास ही आया था, बंगाल की खाड़ी से ही उठा था और भारत के पड़ोसी देशों में उसने तबाही मचाई थी। जानते हैं आखिर वो कौन-सा तूफान है, जिसे दुनिया का सबसे खतरनाक तूफान माना जाता है और उसने कितनी तबाही मचाई थी…

तीन लाख की हो गई थी मौत 
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, साल 1970 में बांग्लादेश उस वक्त पूर्वी पाकिस्तान में आए तूफान को सबसे खतरनाक तूफान माना जाता है। इस तूफान को ‘ग्रेट भोला तूफान’ नाम दिया गया था। माना जाता है कि इस तूफान से बांग्लादेश में करीब 3 लाख लोगों की मौत हो गई थी और 5 लाख से अधिक लोग इससे प्रभावित हुए थे।

यह तूफान भी बंगाल की खाड़ी से उठा था और उसने भारत के पूर्वी क्षेत्र में काफी तबाही मचा दी थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस तूफान का ज्यादा दिन पहले पूर्वानुमान भी नहीं लगाया गया था, जिसकी वजह से भी तबाही ज्यादा हो गई थी।

185 की रफ्तार से चली थीं हवाएं 
यह तूफान 12 और 13 नवंबर 1970 को आया था। उस दौरान तूफान प्रभावित क्षेत्रों में 185 किलोमीटर तक तेज हवाएं चली थीं, जिससे लोगों के घर, गांव, फसलों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ था।

यह करीब 15 मिनट तक इस क्षेत्र से गुजरा था, उसने ढाका के आस-पास के इलाकों में ज्यादा प्रभावित किया था। वहीं इसके बाद साल 1989 में बांग्लादेश ने ही दुनिया के सबसे खतरनाक ‘टॉर्नेडो’ का सामना किया था और इससे भी हजारों लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। बांग्लादेश और उससे लगे भारतीय क्षेत्रों में तूफान आते रहते हैं।

कुछ ऐसा था मंजर 
द ग्रेट भोला तूफान के चलते पूर्वी पाकिस्तान में जबरदस्त बाढ़ आ गई थी। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दौरान इसके अलावा बांग्लादेश से लगे समुद्र में 35 फीट ऊंची लहरें उठी थीं, जिन्होंने बांग्लादेश के बड़े भू-भाग को अपना निशाना बनाया था।

यह भी कहा जाता है कि उस दौरान बांग्लादेश-पाकिस्तान के आतंरिक मुद्दे को अहम माना जा रहा था और तूफान पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। इस तूफान से आई बाढ़ से पूर्वी पाकिस्तान के ताजुमुद्दीन शहर का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था और शहर की 45 फीसदी तक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई थी। इस शहर में ही मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा था।

साल 1999 में ओडिशा में मारे गए थे 9,658 लोग 
गौरतलब है कि भारत में कई खतरनाक तूफान आए हैं और उसमें कई लोगों की जान भी गई हैं। साल 1999 में ओडिशा में आए इस तूफान में 9,658 लोग मारे गए थे और 17,305 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। यह भारत में पिछले 100 सालों में आए सबसे खतरनाक तूफानों में से एक था। इन इलाकों में ऐसे भयावह तूफान आते रहते हैं।

क्यों ओडिशा में ही आते हैं ज्यादा तूफान 
इतिहास के 35 सबसे घातक उष्ण कटिबंधीय चक्रवात में से 26 चक्रवात बंगाल की खाड़ी में आए हैं। बंगाल की खाड़ी में अरब सागर की तुलना में ज्यादा तूफान आते हैं। इसका कारण हवा का बहाव है। इससे पश्चिमी ओर का सागर ठंडा रहता है। ठंडे सागर में कम तूफान आते हैं।

वहीं पश्चिमी तट पर बनने वाले ज्यादातर तूफान भी ओमान की ओर मुड़ जाते हैं। इसलिए यह भारतीय तटों की ओर नहीं बढ़ पाते हैं। नेशनल साइक्लॉन रिस्क मिटिगेशन प्रोजेक्ट के मुताबिक साल 1891 से 2000 के बीच भारत के पूर्वी तट पर 308 तूफान आए।

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