नई दिल्ली: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एआईए) और तमिलनाडु पुलिस ने सोमवार को मदुरै से तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया। इनके अल-कायदा से जुड़े होने का शक है। पुलिस के मुताबिक, इन लोगों के निशाने पर प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के 22 बड़े नेता थे। आरोपियों के कब्जे से विस्फोटक और हथियार बरामद हुए। ये माड्यूल साउथ तमिलनाडु के कई शहरों में एक्टिव था।
एनआईए इस पर 10 दिन से नजर रख रही थी। गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान एम. करीम, आसिफ सुल्तान और अब्बास अली के रूप में की गई है
पुलिस ने बताया, ”संदिग्धों पर आरोप है कि इन्होंने मैसूर, चित्तूर, कोल्लम, नेल्लोर और मल्लापुरम समेत 6 अदालतों में दहशत फैलाने के मकसद से ब्लास्ट किए।”
”इन पर दिल्ली में कई देशों की एम्बेसी को धमकी देने का भी आरोप है। आगे पूछताछ और जांच के लिए सभी को मैसूर ले जाया गया है।”
”एनआईए को मदुरै के आसपास अल-कायदा मॉड्यूल के एक्टिव होने की इन्फॉर्मेशन मिली थी। जिसके बाद सोमवार को मदुरै में कई जगहों पर छापेमारी की गई।”
”टीम ने उस्मान नगर से एम करीम, आसिफ सुल्तान मोहम्मद और अब्बास अली को पकड़ा। इनके दो साथियों हकीम और दाऊद सुलेमान की तलाश जारी है।”
हैदराबाद से भी पकड़े गए थे आतंकी
एनआईए ने 29 मई को हैदराबाद में आईएस के पांच संदिग्धों को अरेस्ट किया था। इनमें दो कम्प्यूटर इंजीनियर भाई भी शामिल थे।
खुफिया इनपुट के बाद हैदराबाद के अगल-अलग इलाकों से आईएस के कुल 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया था, पूछताछ के बाद 6 को छोड़ दिया गया।
एनआईए जांच में ये सामने आया था कि संदिग्ध आतंकियों ने घर के किचन और बेसमेंट में एक्सप्लोसिव छिपाया था। यहीं पर बम बनाने की प्रेक्टिस करते थे।
ये सभी सीरिया में बैठे आईएस के एक हैंडलर के टच में थे। इन लोगों ने आईएस सरगना बगदादी के लिए कसम खाई थी।
भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए हैंडलर ने संदिग्धों को 15 से 20 लाख रुपए और लैपटॉप दिए थे।