नई दिल्ली: दिल्ली में सत्तासीन अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा एक ही विज्ञापन अभियान पर खर्च की गई खासी बड़ी रकम, यानी 33.4 करोड़ रुपये, का 85 फीसदी हिस्सा दिल्ली के बाहर खर्च किया गया… सरकारी ऑडिटर सीएजी (कैग – नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) की सख्त भाषा में लिखी गई इस रिपोर्ट से आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा शासन संभालने के पहले साल में चलाए प्रचार अभियान पर ढेरों सवाल खड़े हो गए हैं…
सीएजी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
इसमें कहा गया है कि विज्ञापन में राज्य सरकार की कई उपलब्धियों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम बताया गया, और यह वही आरोप है, जो दिल्ली के विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस बार-बार लगाती रही हैं…
सीएजी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने विज्ञापनों पर जो 526 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, उनमें से भी वह सिर्फ 100 करोड़ का ही हिसाब-किताब दे पाई… रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने 70 लाख रुपये उन विज्ञापनों पर खर्च किए, जिनमें कानून एवं व्यवस्था की बिगड़ती हालत के लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया गया…
इस पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “सरकार को अब तक सीएजी की रिपोर्ट नहीं मिली है… हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है… हम रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखेंगे…”