लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2 अक्टूबर से पहले समूचे उत्तर प्रदेश को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) का संकल्प दोहराते हुए सोमवार को यहां स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण एवं वृहद स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया। उन्होने कहा कि खुले में शौच को रोकने के उद्देश्य से घरों में शौचालय (इज्जत घर) के निर्माण को प्राथमिकता दी गई है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत सामान्य साफ-सफाई पर फोकस किया जा रहा है, ताकि पूरे देश के गांव, ब्लॉक, तहसील और नगर साफ बनें। ‘स्वच्छ भारत मिशन’ का सफल क्रियान्वयन इसलिए जरूरी है क्योंकि देश की बड़ी आबादी इस प्रदेश में रहती है।
योगी ने कहा कि राज्य सरकार 2 अक्टूबर, 2018 तक पूरे प्रदेश को ओडीएफघोषित करने का लक्ष्य पहले ही निर्धारित कर चुकी है। अभियान का शुभारम्भ इसे पूरे देश में सफल बनाने में मदद करेगा। यह महज एक सरकारी अभियान न होकर, बल्कि एक जनान्दोलन का रूप ले चुका है। मुख्यमंत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 एवं वृहद स्वच्छता अभियान के शुभारम्भ कार्यक्रम के बाद वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग कर फील्ड के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में सत्ता सम्भालने के बाद जब इस अभियान को लागू किया गया, तब काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। तब इस अभियान के अंतर्गत शौचालय निर्माण कार्य काफी धीमा था। उन्होंने कहा कि गत एक वर्ष के दौरान पूरे प्रदेश में 1.03 करोड़ शौचालय निर्मित कराए गए हैं। लाभार्थी द्वारा शौचालय निर्माण कराए जाने पर सरकार द्वारा 12 हजार रुपए की मदद दी जाती है।
इसके अलावा, मनरेगा तथा सीएसआर के तहत भी सहयोग लेकर शौचालय निर्माण कार्य कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अशुद्ध पेयजल, खुले में पड़े मल, गंदे वातावरण एवं अस्वच्छता सम्बन्धी आदतों के कारण अनेक गम्भीर रोग होते हैं। इन बीमारियों में पोलियो, कॉलरा, टाइफॉइड, डायरिया आदि जल-जनित घातक जानलेवा बीमारियों के अलावा जापानी इंसेफलाइटिस और एईएस जैसी जानलेवा बीमारियां भी शामिल हैं।
इन बीमारियों से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोगों की अकाल मृत्यु हो जाती है, जिसमें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या सर्वाधिक होती है। उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच से जुड़ी परम्परागत जीवनशैली के कारण वातावरण प्रदूषित होता है। यह प्रदूषित वातावरण बीमारियों का कारण बनकर जन जीवन को प्रभावित करता है।
स्वच्छ भारत मिशन’देश और प्रदेश दोनों सरकारों की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है हालांकि अभी भी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बहुत कार्य किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार 01 से 30 अगस्त, तक स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 (स्वच्छ ग्राम-स्वच्छ जिला) आयोजित किया जा रहा है।
यह स्वच्छता के क्षेत्र में ग्रामीण परिवेश में आयोजित किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। सर्वेक्षण का कार्य एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रदेश के सभी 75 जिलों के 750 गांवों, 3759 सार्वजनिक स्थलों का संख्यात्मक एवं गुणात्मक आकलन कर रैंकिंग की जाएगी।