livehalchal.com हमारे समाज में तीन तरह के लोग रहते है, पुरुष, स्त्री और किन्नर। क्या आपने कभी किन्नर को मां बनते हुए सुना है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे किन्नर के बारें में बताने जा रहें है जो मां बनी है उसने एक बेटे को जन्म दिया है। आप इसे चमत्कार कहिएं या कुदरत का करिश्मा लेकिन आपके मन में यह यह सवाल जरुर आ रहा होगा की कोई किन्नर कैसे मां बन सकती है।
यहां आकर किन्नर भी बन जाते है माँ:
भारत में अजमेर शरीफ के दरगाह का बहुत बड़ा महत्व है। इसकी सबसे खास बात यह है कि ख्वाजा पर हर धर्म के लोगों का विश्वास है। यहां आने वाले भक्त चाहे वे किसी भी मजहब के क्यों न हों, ख्वाजा के दर पर दस्तक देने के बाद उनके मन में सिर्फ श्रद्धा ही रह जाती है।
क्या है मान्यता:
दरगाह शरीफ की ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी आता है वो खाली हाथ नहीं लौटता। ख्वाजा के इस शहर में मीरां सैयद हुसैन खिंहगसवार की एक दरगाह है जहां करिश्माई लाल बूंदी का पेड़ है। इस दरगाह की ऐसी मान्यता है कि जो लोग ख्वाजा मोईनुद्दीन चिस्ती की दरगाह पर जाते हैं, वह तारागढ़ पहाड़ पर मौजूद इस दरगाह में आकर जरूर सिर झुकाते हैं।
पेड़ ने किया चमत्कार:
इस पेड़ के बारे में कहा जाता है कि जो इसके फल को खाता है वह बेऔलाद नहीं रहता। लोगों के अनुसार एक बार एक किन्नर ने इस पेड़ के फल को खा लिया और फिर चमत्कार हो गया। किन्नर गर्भवती हुई और उसने एक लड़के को जन्म दिया।