नई दिल्ली । बारिश भले ही गर्मी से थोड़ी राहत की उम्मीद लेकर आए, लेकिन अगर मुंबई की तरह झमाझम बारिश हुई तो दिल्ली जलभराव से डूबेगी और राहगीर जाम में फंसे रहेंगे। नालों की सफाई की जो रिपोर्ट सौंपी गई है उसके अनुसार अब तक 22 फीसद नालों की ही सफाई हो सकी है। ऐसे में हर साल की भांति इस बार भी दिल्ली के लोगों को चप्पू चाल के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हालांकि यातायात पुलिस ने जाम और जलभराव की समस्या से निपटने की तैयारी पूरी कर ली है।
यातायात विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी में वर्ष 2017 में 190 स्थानों पर जलभराव की दो बार शिकायत मिली थी। इसमें से 96 स्थान ऐसे थे, जहां पर मानसून के दौरान तीन से लेकर चार बार जलभराव की शिकायत मिली थी। इतना ही नहीं वर्ष 2018 में अप्रैल तक सामने आए आंकड़ों के तहत 9 स्थानों पर जलभराव की शिकायत मिली थी। इसमें से करोल बाग स्थित पूसा रोड और कृषि विहार रेड लाइट स्थित जेबी टिटो मार्ग जलभराव होने वाले दो नए बिंदु के रूप में सामने आए।