ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने के लिए इनके ठहराव में कमी करने की तैयारी है। इसके लिए अधिकारी ट्रेनों के ठहराव की समीक्षा कर रहे हैं ताकि रेलवे की नई समय सारिणी में बदलाव हो सके। साथ ही रेल इंजन, कोच और मानव संसाधन के युक्तिसंगत प्रयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इन सुधारों के माध्यम से ट्रेनों को सही समय पर चलाने की कोशिश होगी। स्थिति सुधारने की चेतावनी ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्रियों की नाराजगी बढ़ रही है। कई ट्रेनें दस से बारह घंटे की देरी से चल रही हैं, जिससे रेल प्रशासन से शिकायत करने के साथ ही वे सोशल मीडिया पर भी नाराजगी जता रहे हैं। रेल मंत्री ने भी अधिकारियों को तीन महीने के अंदर स्थिति सुधारने की चेतावनी दी है। ट्रेनें लेट हो रही हैं उत्तर रेलवे में ट्रेनों की समयबद्धता पिछले वर्ष आठ जून तक 63 फीसद थी जो इस वर्ष कम होकर 53 फीसद रह गई है। इसका बड़ा कारण रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए होने वाला काम है। जगह-जगह रेल पटरियों पर काम चल रहा है जिससे आए दिन ट्रैफिक ब्लॉक किया जाता है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेश चौबे का कहना है कि वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्ष 2017-18 में 40 फीसद ज्यादा ट्रैफिक ब्लॉक किए गए हैं। काम पूरा करने के लिए मेगा ब्लॉक भी बढ़े हैं। पिछले वर्ष 141 मेगा ब्लॉक किए गए थे, वहीं इस वर्ष पहले दो महीने में 25 किए जा चुके हैं। इससे ट्रेनें लेट हो रही हैं। इन ट्रेनों के स्टेशन में हुआ बदलाव, पटरियों से बोझ होगा कम, समय पर चलेंगी गाड़ियां यह भी पढ़ें अनुपयोगी ठहराव खत्म किए जाएंगे अधिकारियों का कहना है कि राजनीतिक दबाव की वजह से कई ट्रेनों के ठहराव भी बढ़ गए हैं, इससे भी ट्रेनें लेट होती हैं। इसलिए इनकी समीक्षा की जा रही है और अनुपयोगी ठहराव खत्म किए जाएंगे। इसी तरह से रनिंग स्टाफ बदलने के लिए, ईंधन, पानी व अन्य कारणों से भी ट्रेनों को कई स्टेशनों पर रोका जाता है जिसे खत्म करना जरूरी है। इस तरह के सभी कार्य एक ही स्टेशन पर होने चाहिए। रेल परिचालन बाधित किए बगैर ट्रैक मरम्मत व अन्य कार्य किया जा सके, इसके लिए ट्रेनों के टाइम में बदलाव किया जाएगा। कई रेलखंड पर ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ाई जा रही है। ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने के लिए दिल्ली में कई ट्रेनों के टर्मिनल में बदलाव किए गए हैं। थम नहीं रहा है ट्रेनों के रद होने का सिलसिला, यात्रियों की बढ़ी परेशानी यह भी पढ़ें अधिकारी ट्रेन के इंजन में सवार होकर सफर करेंगे शनिवार से विशेष समयबद्धता अभियान भी शुरू किया गया है। स्टेशन व मंडल स्तर पर अधिकारियों की बैठक होगी ताकि रेल परिचालन में आने वाली परेशानी दूर हो सके। वरिष्ठ अधिकारी ट्रेन के इंजन में सवार होकर सफर करेंगे जिससे उन्हें व्यावहारिक कठिनाइयों का पता चल सके।

ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने के लिए इस अहम योजना पर हो रहा है काम, जल्द दिखेंगे नतीजे

ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने के लिए इनके ठहराव में कमी करने की तैयारी है। इसके लिए अधिकारी ट्रेनों के ठहराव की समीक्षा कर रहे हैं ताकि रेलवे की नई समय सारिणी में बदलाव हो सके। साथ ही रेल इंजन, कोच और मानव संसाधन के युक्तिसंगत प्रयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इन सुधारों के माध्यम से ट्रेनों को सही समय पर चलाने की कोशिश होगी।ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने के लिए इनके ठहराव में कमी करने की तैयारी है। इसके लिए अधिकारी ट्रेनों के ठहराव की समीक्षा कर रहे हैं ताकि रेलवे की नई समय सारिणी में बदलाव हो सके। साथ ही रेल इंजन, कोच और मानव संसाधन के युक्तिसंगत प्रयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इन सुधारों के माध्यम से ट्रेनों को सही समय पर चलाने की कोशिश होगी।  स्थिति सुधारने की चेतावनी  ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्रियों की नाराजगी बढ़ रही है। कई ट्रेनें दस से बारह घंटे की देरी से चल रही हैं, जिससे रेल प्रशासन से शिकायत करने के साथ ही वे सोशल मीडिया पर भी नाराजगी जता रहे हैं। रेल मंत्री ने भी अधिकारियों को तीन महीने के अंदर स्थिति सुधारने की चेतावनी दी है।    ट्रेनें लेट हो रही हैं  उत्तर रेलवे में ट्रेनों की समयबद्धता पिछले वर्ष आठ जून तक 63 फीसद थी जो इस वर्ष कम होकर 53 फीसद रह गई है। इसका बड़ा कारण रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए होने वाला काम है। जगह-जगह रेल पटरियों पर काम चल रहा है जिससे आए दिन ट्रैफिक ब्लॉक किया जाता है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेश चौबे का कहना है कि वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्ष 2017-18 में 40 फीसद ज्यादा ट्रैफिक ब्लॉक किए गए हैं। काम पूरा करने के लिए मेगा ब्लॉक भी बढ़े हैं। पिछले वर्ष 141 मेगा ब्लॉक किए गए थे, वहीं इस वर्ष पहले दो महीने में 25 किए जा चुके हैं। इससे ट्रेनें लेट हो रही हैं।   इन ट्रेनों के स्टेशन में हुआ बदलाव, पटरियों से बोझ होगा कम, समय पर चलेंगी गाड़ियां यह भी पढ़ें अनुपयोगी ठहराव खत्म किए जाएंगे  अधिकारियों का कहना है कि राजनीतिक दबाव की वजह से कई ट्रेनों के ठहराव भी बढ़ गए हैं, इससे भी ट्रेनें लेट होती हैं। इसलिए इनकी समीक्षा की जा रही है और अनुपयोगी ठहराव खत्म किए जाएंगे। इसी तरह से रनिंग स्टाफ बदलने के लिए, ईंधन, पानी व अन्य कारणों से भी ट्रेनों को कई स्टेशनों पर रोका जाता है जिसे खत्म करना जरूरी है। इस तरह के सभी कार्य एक ही स्टेशन पर होने चाहिए। रेल परिचालन बाधित किए बगैर ट्रैक मरम्मत व अन्य कार्य किया जा सके, इसके लिए ट्रेनों के टाइम में बदलाव किया जाएगा। कई रेलखंड पर ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ाई जा रही है। ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने के लिए दिल्ली में कई ट्रेनों के टर्मिनल में बदलाव किए गए हैं।   थम नहीं रहा है ट्रेनों के रद होने का सिलसिला, यात्रियों की बढ़ी परेशानी यह भी पढ़ें   अधिकारी ट्रेन के इंजन में सवार होकर सफर करेंगे  शनिवार से विशेष समयबद्धता अभियान भी शुरू किया गया है। स्टेशन व मंडल स्तर पर अधिकारियों की बैठक होगी ताकि रेल परिचालन में आने वाली परेशानी दूर हो सके। वरिष्ठ अधिकारी ट्रेन के इंजन में सवार होकर सफर करेंगे जिससे उन्हें व्यावहारिक कठिनाइयों का पता चल सके।

स्थिति सुधारने की चेतावनी

ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्रियों की नाराजगी बढ़ रही है। कई ट्रेनें दस से बारह घंटे की देरी से चल रही हैं, जिससे रेल प्रशासन से शिकायत करने के साथ ही वे सोशल मीडिया पर भी नाराजगी जता रहे हैं। रेल मंत्री ने भी अधिकारियों को तीन महीने के अंदर स्थिति सुधारने की चेतावनी दी है।

 

ट्रेनें लेट हो रही हैं

उत्तर रेलवे में ट्रेनों की समयबद्धता पिछले वर्ष आठ जून तक 63 फीसद थी जो इस वर्ष कम होकर 53 फीसद रह गई है। इसका बड़ा कारण रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए होने वाला काम है। जगह-जगह रेल पटरियों पर काम चल रहा है जिससे आए दिन ट्रैफिक ब्लॉक किया जाता है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेश चौबे का कहना है कि वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्ष 2017-18 में 40 फीसद ज्यादा ट्रैफिक ब्लॉक किए गए हैं। काम पूरा करने के लिए मेगा ब्लॉक भी बढ़े हैं। पिछले वर्ष 141 मेगा ब्लॉक किए गए थे, वहीं इस वर्ष पहले दो महीने में 25 किए जा चुके हैं। इससे ट्रेनें लेट हो रही हैं।

अनुपयोगी ठहराव खत्म किए जाएंगे

अधिकारियों का कहना है कि राजनीतिक दबाव की वजह से कई ट्रेनों के ठहराव भी बढ़ गए हैं, इससे भी ट्रेनें लेट होती हैं। इसलिए इनकी समीक्षा की जा रही है और अनुपयोगी ठहराव खत्म किए जाएंगे। इसी तरह से रनिंग स्टाफ बदलने के लिए, ईंधन, पानी व अन्य कारणों से भी ट्रेनों को कई स्टेशनों पर रोका जाता है जिसे खत्म करना जरूरी है। इस तरह के सभी कार्य एक ही स्टेशन पर होने चाहिए। रेल परिचालन बाधित किए बगैर ट्रैक मरम्मत व अन्य कार्य किया जा सके, इसके लिए ट्रेनों के टाइम में बदलाव किया जाएगा। कई रेलखंड पर ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ाई जा रही है। ट्रेनों की लेटलतीफी दूर करने के लिए दिल्ली में कई ट्रेनों के टर्मिनल में बदलाव किए गए हैं।

अधिकारी ट्रेन के इंजन में सवार होकर सफर करेंगे

शनिवार से विशेष समयबद्धता अभियान भी शुरू किया गया है। स्टेशन व मंडल स्तर पर अधिकारियों की बैठक होगी ताकि रेल परिचालन में आने वाली परेशानी दूर हो सके। वरिष्ठ अधिकारी ट्रेन के इंजन में सवार होकर सफर करेंगे जिससे उन्हें व्यावहारिक कठिनाइयों का पता चल सके।

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