रियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खेल विभाग द्वारा जारी खिलाडियों की प्रोफेशनल खेल और विज्ञापन से कमाई जमा कराने की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। खेल विभाग ने कॉमनवेल्थ खेलों के पदक विजेता खिलाड़ियों के पुरस्कार विवाद के बाद राज्य के खिलाडि़यों को जोरदार झटका दिया था। हरियाणा खेल विभाग ने आदेश जारी किया कि राज्य सरकार के किसी विभाग या संस्थान में नौकरी करने वाले खिलाडियों को प्रोफेशन कमाई का एक तिहाई हिस्सा स्पोर्ट्स काउंसिल में जमा कराना होगा। यह फरमान खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने जारी किया और इससे खिलाडियों में हड़कंप मच गया।
इस अधिसूचना से हरियाणा में सरकारी नौकरी कर रहे खिलाडिय़ों को पेशेवर खेल खेलते हुए और विज्ञापन से जो आमदनी होगी, उसका एक तिहाई हिस्सा सरकारी खजाने में जमा कराना होगा। आदेश के अनुसार, इस राशि को राज्य के खेल के विकास में लगाया जाएगा।
इसके बाद इस पर भारी विवाद पैदा हो गया। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल सक्रिय हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी खेल विभाग की अधिसूचना पर रोक लगा दी गई है। वह इसे देखकर इस मामले पर निर्णय लेंगे। मनोहरलाल ने कहा, मैंने खेल विभाग से इस मामले की फाइल मंगवाई है। मैं खिलाडि़यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार उनके हितों को पूरा ध्यान रखेगी और पूरे मामले में उनका ख्याल रखा जाएगा