उत्तर कोरिया के एक पूर्व राजनयिक ने कहा है कि यह कोरियाई देश अपने परमाणु हथियारों को कभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं करेगा. ब्रिटेन में उत्तर कोरिया के उप राजदूत रहे थाए योंग-हो अगस्त 2016 में अपना पद छोड़कर दक्षिण कोरिया चले गए थे. उनका यह बयां उस वक़्त आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच अगले महीने ऐतिहासिक शिखर बैठक होनें वाली है.
उत्तर कोरिया के एक पूर्व राजनयिक थाए की यह टिप्पणी 12 जून को सिंगापुर में किम और और ट्रंप के बीच होने वाली अभूतपूर्व शिखर मुलाकात के ठीक पहले आई है. दोनों नेताओं की बैठक में उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम का एजेंडा छाए रहने के आसार हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया की कूटनीतिक रणनीति है कि पहले अत्याधिक टकराव के हालात पैदा कर दो और फिर अचानक शांति के संकेत भेजो.
इस पूर्व राजनयिक ने आगे कहा कि मौजूदा कूटनीतिक कोशिश और बातचीत वास्तविक और पूरी तरह निरस्त्रीकर के साथ समाप्त नहीं होगी हालांकि उत्तर कोरिया की ओर से परमाणु खतरे को जरूर कम कर देगी. थाए ने दक्षिण कोरिया में कहा कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियार मुक्त देश के नकाब में परमाणु शक्ति संपन्न देश ही रहेगा.
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