कलयुग के देवता हनुमानजी की भक्ति और पूजा से ही नहीं, बल्कि उनके जीवन की कुछ बातें ग्रहण करने से भी हमारी परेशानियां दूर हो सकती हैं. आइये जानते है हनुमानजी से हम अपने जीवन में कौन-कौन सी बातें सीख सकते हैं…
संघर्ष :- हनुमानजी जब माता सीता की खोज करने के लिए समुद्र पार कर रहे थे, तब उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. सुरसा और सिंहिका नाम की दो राक्षसनियो ने हनुमानजी के मार्ग में बाधा उत्पन की थी लेकिन बजरंग बली नहीं रुके और समुंद्र पार कर लंका पहुंच गए. हमें भी अपने जीवन में कदम-कदम पर ऐसे ही संघर्षों का सामना करना पड़ता है. हमें संघर्षों से न डरते हुए उनका सामना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहने की सीख हनुमानजी से लेनी चाहिए.
चतुराई :- हनुमानजी ने बड़ी चतुराई के साथ समुद्र से लंका तक का रास्ता पार किया था. समुंद्र पार करते समय सुरसा से लड़ाई में अपना समय नहीं गवाते हुए उन्होंने चतुराई से काम लिया. सुरसा हनुमान जी को खाना चाहती थी. उस समय हनुमानजी ने अपनी चतुराई से अपने शरीर का आकर छोटा करके हनुमानजी सुरसा के मुंह में प्रवेश करके वापस बाहर आ गए. हनुमानजी की इस चतुराई से सुरसा प्रसन्न हो गई और रास्ता छोड़ दिया. चतुराई की इस कला को हनुमानजी से सीख कर हमारे जीवन में अपनाना चाहिए.
संयमित जीवन :- हनुमानजी के बारे में कहा जाता है की वह बाल ब्रह्मचारी थे यानी उनका जीवन संयमित था. संयमपूर्वक रहने के कारण ही वह सबसे ताकतवर थे. मानव जीवन में खान-पान और रहन सहन असंयमित हो रहा है. असंयमित दिनचर्या के कारण गंभीर रोगों का डर बना रहता है. संयम के साथ कैसे रहना चाहिए, ये बात हम बल ब्रह्मचारी हनुमानजी से सीख सकते हैं. हम अपने खान-पान और रहन-सहन में सावधानी रखेंगे तो हमें भी श्रेष्ठ स्वास्थ्य मिल सकता है.
लोक-कल्याण :- हनुमानजी का पृथ्वी पर अवतार लेने का कारण भगवान श्रीराम जी का काम पूर्ण करना था. भगवान श्रीराम का काम यानी रावण का अंत करके तीनों लोकों का सुखी करना. हनुमानजी ने भगवान श्रीराम का सहयोग किया. हमें भी हनुमानजी से इस प्रेरणा को ग्रहण करना चाहिए और जो लोग अच्छा और समाज सेवा का कार्य करते हैं, उनका सहयोग करना चाहिए.