उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच सुधरते रिश्तों को लेकर ईरान ने अपनी राय रखी है, ईरान ने दोनों देशों के बीच सुधरते रिश्तों का सम्मान किया, लेकिन ईरान ने इसका श्रेय अमेरिका को देने से इंकार किया है. ईरान का कहना है कि दोनों देशों के सम्बन्ध सुधरने में अमेरिका का हाथ नहीं है, क्योंकि अमेरिका ने अपने वचनों का मान नहीं रखा है.
ईरान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि उत्तर कोरियाई लीडर किम जोंग उन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जाए इन की मुलाकात क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थायित्व की दिशा में जिम्मेदार एवं प्रभावी कदम है. मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम घासेमी ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति कायम करने की ऐतिहासिक नई पृष्ठभूमि दोनों प्रधान पक्ष ही बिना किसी अन्य देश के दखल के तैयार करें.
बहराम घासेमी ने कहा कि ‘खासकर परमाणु करार के संबंध में ईरान का पिछले 40 साल का अनुभव यह है कि अमेरिकी सरकार मर्यादापूर्ण और भरोसेमंद नहीं है और वह अंतरराष्ट्रीय वादों का सम्मान नहीं करती है.’ गौरतलब है कि ईरान ने प्रतिबंध राहत के एवज में अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाते हुए अमेरिका और पांच अन्य वैश्विक शक्तियों के साथ 2015 में संधि की थी. उसने दलील दी है कि अमेरिका इस संधि का उल्लंघन कर बाहरी दुनिया के साथ उसके व्यापार में टांग अड़ाता रहा है.
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