दो अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा बुलाए भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा में सरकारी कर्मचारियों के भी शामिल होने के मामले उजागर हुए हैं. भिण्ड के जिला कलेक्टर ने इसी आरोप में चार सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. इस हिंसक विरोध प्रदर्शन में प्रदेश के ग्वालियर, भिण्ड और मुरैना जिलों में 8 लोगों की मौत हो गई थी, इसमें सबसे अधिक चार लोग भिण्ड जिले में मारे गये थे.
जिलाधिकारी इल्लैया राजा टी ने बताया कि निलंबित चारों कर्मचारी भिण्ड जिला कलेक्टर कार्यालय में तैनात हैं और इन्होंने विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. इन चार कर्मचारियों की पहचान सुरेश कौशल (सहायक ग्रेड-2), योगेश गुप्ता (सहायक ग्रेड-2) प्रवेश दोहरे (चपरासी) और महेश वर्मा (सहायक लिपिक) के तौर पर की गई. उन्होंने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि इन चारों कर्मचारियों ने दो अप्रैल के प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
इस बीच, भिण्ड के जिला पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने बताया कि दो अप्रैल के प्रदर्शन के दौरान हिंसा में शामिल फरार आरोपियों की गिरफ्तारी पर 10,000 रूपये का इनाम घोषित किया गया है. उन्होंने बताया कि एक सूचना पर गजराज जाटव को भोपाल में गिरफ्तार किया गया. गजराज पर बंद के दौरान हिंसा में शामिल होने का आरोप है.