रामलीला मैदान में सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार की मांगों को लेकर पिछले छह दिनों से अनशन कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे की तबीयत बुधवार को बेहद नाजुक हो गई। छह दिनों में उनका साढ़े पांच किलो वजन घट गया है। अन्ना को बोलने में भी दिक्कत हो रही है, जिस कारण वह शाम के वक्त समर्थकों को सम्बोधित भी नहीं कर पाए। डॉक्टरों की टीम ने अन्ना को उनके आराम कक्ष में रहने की सलाह दी है। अन्ना की तबीयत बिगड़ने के बावजूद केन्द्र सरकार का कोई नुमाइंदा या संदेश रामलीला मैदान नहीं पहुंचा। अन्ना के बोलने पर डॉक्टरों ने लगाई रोक
बुधवार सुबह करीब 10 बजे अन्ना ने सत्याग्रह के समर्थकों और प्रेस को सरकार द्वारा भेजे गए ड्राफ्ट में मांगों के संबंध में दिए गए बयानों के बारे में बोला। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस 15 पृष्ठीय अस्पष्ट ड्राफ्ट भेजकर उन्हें गुमराह करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ड्राफ्ट में किसानों को उनके खर्च पर डेढ़ गुना अधिक राशि देने की शर्त मानी, लेकिन यह नहीं बताया गया कि राशि किस तरीके से किसानों को दी जाएगी।
सरकारी ड्राफ्ट पर बोलने से बिगड़ी अन्ना की तबीयत
आंदोलन के छठे दिन घटा साढ़े पांच किलो वजन
वहीं अन्ना ने कहा कि ड्राफ्ट में फसल का बिक्री मूल्य निर्धारित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर किसान को कृषि के निर्धारित मूल्य से कम दाम मिलता है तो सरकार उसकी भरपाई सुनिश्चित करे। अन्ना ने कहा कि सरकार के मसौदे में कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के बारे में भी कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है।