आप सोच रहे होंगे कि डेटिंग, डिनर-लंच और हैंगआउट तो सिर्फ इंसान ही करते हैं लेकिन ऐसा नहीं है पक्षिया भी ऐसा करते हैं। उनके भी मीटिंग पॉइंट्स होते हैं, पसंदीदा जगहें होती हैं जहां वे अपने साथियों और अपने परिवार के साथ समय गुजारने और खाने-पीने का लुत्फ लेते हैं।
सबसे पहले आपको लिए चलते हैं तोतों के हैंगआउट प्लेसेस पर। शहर में दूधतलाई मार्ग पर जाएंगे तो अक्सर दीवारों पर बैठे तोते यहां लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं। यहां झुंड का झुंड सुबह-सवेरे और शाम को पहुंचता है। पक्षीप्रेमी इन दीवारों पर दाना-पानी भी रख देते हैं। इसके अलावा शहर के कोर्ट चौराहे पर सर्कल के अंदर बने छोटे से गार्डन में लगे पेड़ भी इनकी बैठकें होती हैं। इसी तरह आरएनटी मेडिकल कॉलेज में लगे पेड़ों पर भी इनका बसेरा है।
अब चलिए फतहसागर झील के किनारे तो यहां रानी रोड मार्ग पर जलीय कौवे, बत्तखें और मौसम के अनुरूप माइग्रेटरी बड्र्स यहां आती हैं। कई और बड्र्स भी हैं जो झील के किनारे डेटिंग-मेटिंग करती हैं।
शहर के रानी रोड मार्ग पर निकलिए तो बत्तखों का झुंड यहां आराम से तफरीह मारते हुए मिल ही जाता है। ये बत्तखें भी यहां बिना-डरे घूमते-फिरते नजर आ जाती हैं।
पिछोला झील के किनारे सबसे ज्यादा जलीय कौवे और माइग्रेटरी बड्र्स देखे जाते हैं। यहां देखिए, जलीय कौवों की कैसी महफिल जमी है।
अब गुलाबबाग में जल्द ही बर्ड पार्क बननेवाला है लेकिन यहां तरह-तरह के तोते हर किसी के आकर्षण का केंद्र हैं। इनकी भी फैमिली मीटिंग्स, पार्टी वगैरह यहां आए दिन होती है।
पिछोला झील के किनारे गणगौर घाट ना केवल पर्यटकों और शहरवासियों का बल्कि कबूतरों का भी फेवरेट हैंगआउट प्लेस है। यहां हर दिन कबूतरों का कुनबा इस घाट पर सुबह-शाम डेरा डाले रहता है। यहां आनेवाले लोग भी इन कबूतरों के लिए दाना जरूर डालते हैं जिससे कबूतर भी लंच-डिनर करने के लिए यहां आ जाते हैं। वहीं, दूधतलाई मार्ग पर पिछोला झील के किनारे चमगादड़ों का कब्जा है।