राजनीतिक दिग्गजों के लिए नोएडा हमेशा से ही एक अपशगुन और भय का कारण रहा है। नोएडा के लिए हमेशा से ही माना जाता है कि यहां आने वाले सीएम की हार होती है और गोरखपुर में बीजेपी की हार के बाद यह बात एक बार फिर चर्चा में आ गई है। हालांकि ज्यादातर लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं और इसे ही गलत साबित करने के लिए योगी आदित्याथ सीएम बनने के बाद तीन बार नोएडा आए थे।
लगता है अब यही अंधविश्वास सच साबित हो रहा है और नोएडा आने के कुछ ही महीनों बाद हुए उपचुनाव में सीएम योगी आदित्याथ 26 साल से भाजपा का गढ़ और उनकी ही सीट रहे गोरखपुर को नहीं बचा सके। जिस सीट को योगी सांसद रहने के दौरान कभी नहीं हारे वो सीएम रहते हुए भी नहीं बचा सके।
विदेश में पढ़े-लिखे व इंजीनियरिंग कर चुके अखिलेश यादव भी अपने सीएम रहने के दौरान पूरे पांच साल में कभी नोएडा नहीं आए। हाल ही में इसको लेकर जब उनसे एक टीवी कार्यक्रम में सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा कि हर इंसान कुछ न कुछ मानता है और मैं तो दोबारा सीएम बनने पर जाने वाला था लेकिन हम सत्ता में ही नहीं आए। जब सीएम योगी के नोएडा आने के बारे में उनसे पूछा गया तो वो बोले कि पता नहीं उनका कुछ होगा वैसे देखिए आगे क्या होता है।
नोएडा आने को लेकर जो अंधविश्वास है वह इतना ज्यादा है कि यूपी का सीएम रहते हुए राजनाथ सिंह भी डीएनडी फ्लाईओवर का उद्घाटन करने नोएडा नहीं बल्कि दिल्ली आए थे।
वहीं पूरे देश को हिला देने वाले निठारी कांड के वक्त मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी नोएडा के अंधविश्वास के चलते ही यहां नहीं आए थे।