नई दिल्ली: कर्नाटक और सौराष्ट्र के बीच कल यहां होने वाले विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में मयंक अग्रवाल राष्ट्रीय टीम से अनदेखी की निराशा को भुलाकर उम्दा पारी खेलना चाहेंगे जबकि रविंद्र जडेजा छोटे प्रारूप में भी अपनी उपयोगिता साबित करने के इरादे से उतरेंगे. मौजूदा सत्र में तीन प्रारूपों में 2051 रन बनाने वाले अग्रवाल को श्रीलंका में होने वाली त्रिकोणीय टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया है और सीमित ओवरों का उम्दा क्रिकेटर होने के बावजूद जडेजा 50 ओवर की भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं. कर्नाटक के अग्रवाल मौजूदा टूर्नामेंट में अब तक 633 रन बना चुके हैं जो राष्ट्रीय एकदिवसीय प्रतियोगिता के इतिहास में सर्वाधिक रन हैं.
कर्नाटक की टीम को मौजूदा सत्र में करीबी मैचों में हार झेलनी पड़ी. टीम को विदर्भ के खिलाफ रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में सिर्फ आधे घंटे खराब प्रदर्शन का खामियाजा हार के साथ भुगतना पड़ा जबकि टीम सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट के फाइनल में भी जगह नहीं बना सकी. स्टुअर्ट बिन्नी, कृष्णप्पा गौतम और श्रेयष गोपाल के रूप में तीन ऑलराउंडर कर्नाटक के बल्लेबाजी क्रम को मजबूत बनाते हैं. टीम की तेज गेंदबाजी इकाई में युवा एमपी कृष्णा शामिल हैं जो 14 विकेट चटका चुके हैं. गोपाल के नाम 13 विकेट दर्ज हैं. कृष्णा का साथ तेज गेंदबाज टी प्रदीप निभाएंगे जो इस सत्र में नौ विकेट हासिल कर चुके हैं. ये दोनों गोपाल और गौतम के साथ गेंदबाजी आक्रमण का अहम हिस्सा होंगे.
सौराष्ट्र के चेतेश्वर पुजारा सीमित ओवरों में अपनी उपयोगिता साबित करने की कोशिश करेंगे. पुजारा (289 रन) के अलावा टीम की बल्लेबाजी युवा अर्पित वसावदा (273 रन), समर्थ व्यास (296 रन) और अवि बरोत (174 रन) पर टिकी होंगी जिन्होंने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है. सौराष्ट्र का मजबूत पक्ष उसके ऑलराउंडर हैं. प्रेरक मांकड़ ने 202 रन बनाने के अलावा तीन विकेट हासिल किए हैं जबकि चिराग जानी 10 विकेट चटकाने के अलावा 152 रन बना चुके हैं. बायें हाथ के स्पिनर धर्मेंद्र जडेजा के नाम 16 विकेट दर्ज हैं.