मायावती ने कहा कि आरएसएस अब सामाजिक संगठन न रहकर राजनीतिक संगठन में तब्दील होता जा रहा है. उनके स्वयंसेवक सामाजिक सेवा को ताक पर रखकर पूरी तरह से भाजपा के लिए चुनावी राजनीति करने में ही व्यस्त नजर आते हैं.

गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख ने स्वयंसेवकों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, हम सैन्य संगठन नहीं हैं, मगर सेना जैसा अनुशासन हमारे अंदर है. अगर देश को जरूरत पड़े और देश का संविधान, कानून कहे तो सेना तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे. संघ के स्वयंसेवकों को लेंगे तो तीन दिन में तैयार हो जाएंगे. ये हमारी क्षमता है.