पटना। बिहार में लोकसभा और विधानसभा की खाली पड़ी सीटों के लिए आज चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तिथि का एलान कर दिया है। लेकिन जहानाबाद उपचुनाव को लेकर एनडीए में विवाद होना तय है। क्योंकि जहानाबाद की सीट को लेकर बीजेपी और आरएलएसपी आमने-सामने आ गए हैं। यहां से चुनाव लड़ने के लिए आरएलएसपी अड़ गई है। जहां तक जहानाबाद विधानसभा से राजद प्रत्याशी का सवाल है तो वहां से मुद्रिका सिंह यादव के बड़े बेटे सुदय यादव का प्रत्याशी बनना लगभग तय है।
एनडीए में ही इस सीट को लेकर ज्यादा मारामारी है। लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक आरएलएसपी के रामजतन सिन्हा की चर्चा जोरों पर है। महागठबंधन में सीटों के तालमेल में लालू यादव ने जदयू के सिटिंग अभिराम शर्मा को बेटिकट कर मुंद्रिका सिंह यादव को चुनाव लड़वाया था। गत विधानसभा चुनाव में रालोसपा के प्रवीण सिंह लड़े थे। ऐसे में रालोसपा की तरफ से प्रवीण सिंह की भी दावेदारी प्रबल है। जहानाबाद के सांसद अरूण कुमार रालोसपा से अलग हो गए हैं, लेकिन एनडीए में ही हैं। ऐसे में उनके गुट की भी यहां से दावेदारी है। दूसरी बात ये है कि पूर्व मुख्यमंत्री और हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी का भी यह इलाका है।
इस सीट के लिए जहां जहानाबाद सांसद अरुण कुमार अपने बेटे के लिए लगे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर उपेंद्र कुशवाहा स्थानीय नेता गोपाल शर्मा के लिए टिकट चाहते हैं। जबकि, जदयू की ओर से अभिराम शर्मा भी लाइन में लगे हुए हैं तो इस सीट पर भाजपा की भी नजर है। इस सीट के लिए भाजपा का दावा है कि जहानाबाद में भाजपा का उम्मीदवार ही अपनी किस्मत आजमाएगा।
गत लोकसभा चुनाव में सीटों के तालमेल में अररिया सीट राजद के कोटे में थी। यहां भाजपा प्रत्याशी प्रदीप सिंह से सीधे मुकाबले में राजद के तस्लीमुद्दीन चुनाव जीते थे। स्वाभाविक है कि एनडीए से भाजपा ही इस बार भी चुनाव लडऩा चाहेगी। वहां मुकाबला राजद से ही होना है। तस्लीमुद्दीन के बेटे व जदयू विधायक सरफराज आलम की राजद से दावेदारी की चर्चा है। भभुआ विधानसभा सीट को लेकर भी एनडीए में कोई विवाद नहीं है। यहां से आनंद भूषण पांडेय की पत्नी के भाजपा प्रत्याशी बनने की संभावना है। यहां से राजद या कांग्रेस से कौन चुनाव लड़ेगा यह तय नहीं है।
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