लखनऊ| उत्तर प्रदेश के कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा से उपजे तनाव के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि उनकी सरकार राज्य के हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और अराजकता फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. योगी ने कहा, ‘हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.’ उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और अराजकता के लिए कोई स्थान नहीं है. ‘भ्रष्टाचारियों और अराजकता फैलाने वालों से पूरी सख्ती से निपटा जाएगा.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार विकास का लाभ समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचाएगी.
राज्यपाल राम नाईक ने घटना पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि यह राज्य की छवि पर धब्बा है. इस बीच कासगंज में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं. हिंसा की छिटपुट वारदात की खबर है. एक दुकानदार के स्टोर को आग लगा दी गयी. दुकानदार ने कहा कि वह इलाके का अकेला मुस्लिम दुकानदार है. ‘मैं यहां 20 साल से रह रहा हूं लेकिन हमें कभी कोई दिक्कत नहीं आयी.’
शहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.हिंसा में कथित भूमिका के लिए सौ से अधिक लोगों को जेल भेजा जा चुका है. त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) और पीएसी के जवान स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं. अफवाहें फैलाने वालों और उपद्रवियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. उधर पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों पर रासुका लगायी जाएगी.
हिंसा में कथित भूमिका के लिए सौ से अधिक लोगों को जेल भेजा जा चुका है. जिला प्रशासन ने एक शांति समिति बनायी है. वह तनावग्रस्त इलाकों में घूम रही है और जनता से आग्रह कर रही है कि वह अफवाहों पर ध्यान ना दे. एक अधिकारी ने बताया कि कुछ जगहों पर छापेमारी में अवैध हथियार बरामद हुए हैं.
कासगंज की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यदि मृतक चंदन गुप्ता की जगह कोई इस्माईल होता तो मीडिया में अलग बहस होती. सिंह ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि अगर चंदन गुप्ता की जगह मोहम्मद इस्माईल होता तो मीडिया में अलग बहस छिडती। हमें इस मनोवृत्ति को बदलने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कासगंज हिंसा सुनियोजित लगती है. समाज में इस तरह की घटनाओं में लिप्त किसी को भी योगी आदित्यनाथ सरकार बख्शेगी नहीं.
उन्होंने कहा कि एक नौकरशाह ने भी ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे को लेकर कुछ टिप्पणी की है. ‘मैं कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा क्यों ना लगाया जाए जबकि पाकिस्तान हमारे सैनिकों को मारता है और वह सीमापार से आतंकवाद फैलाने में शामिल है.’ कासगंज प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में फेसबुक टिप्पणी को लेकर विवादों के घेरे में आये बरेली के जिलाधिकारी कैप्टन राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा है कि इस तरह की घटनाओं से समस्याएं पैदा होती हैं और प्रदेश के विकास का काम अवरूद्ध होता है.
सिंह ने फेसबुक टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसे फेसबुक वाल से हटा लिया. उन्होंने कहा, ‘… बिना प्रशासनिक अनुमति के अगर कोई ऐसा काम होता है तो कितनी बडी समस्याएं पैदा हो जाती हैं … इतना आक्रामक होना, पुलिस की अनुमति नहीं लेना, इससे बडी परेशानियां पैदा होती हैं . इन्हीं तकलीफों का बयान मैंने फेसबुक पर किया था.’
सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाओं से प्रदेश के विकास का काम रूकता है. उन्होंने फेसबुक पर अपनी पहली पोस्ट में लिखा था, ‘अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मुहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था. फिर पथराव हुआ. मुकदमे लिखे गए.’ सिंह ने यह फेसबुक टिप्पणी 28 जनवरी को की थी.
इस बीच भाजपा नेता विनय कटियार ने कहा कि कासगंज की घटना दु:खद है। लगता है कि ‘पाकिस्तान परस्त लोग आ गये हैं जो राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, वे पाकिस्तान के झंडे को स्वीकार कर रहे हैं। पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार और सख्त कदम उठाये.’
कटियार ने कहा कि तिरंगा रैली निकाले जाने के दौरान भड़की हिंसा में मारे गये चंदन की पाकिस्तान समर्थकों ने हत्या की है. खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि इस प्रकरण का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. योगी सरकार ने जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह को कल हटा दिया. इस बीच सोशल मीडिया पर जिस राहुल उपाध्याय की मौत की खबर वायरल हो रही थी, उसका खंडन करते हुए खुद राहुल ने कहा कि वह हिंसा के समय कासगंज में नहीं था. उपाध्याय ने कहा कि उसके किसी दोस्त ने इस अफवाह के बारे में उसे सूचित किया.