एजेंसी/ शरीर के लिए मूली का नियमित सेवन बहुत अच्छा होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन तथा लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं. इसमें विटामिन ए भी होता है. यह स्वयं हजम नहीं होती, लेकिन अन्य भोज्य पदार्थों को पचा देती है.
यह माना जाता है कि मुंह, पेट, आंत और किडनी के कैंसर से लड़ने में यह बहुत सहायक होती है. इस के पत्तों को सुखा कर इसे जला लें. अब बची राख को पानी में मिलाकर आग पर तबतक उबालें जबतक सूखकर क्षार का रूप न ले लें. अब इस क्षार को 500 मिलीग्राम क़ी मात्रा में नियमित सेवन श्वांस के रोगियों के लिए अच्छी औषधि है.
सुबह-सुबह इस के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है. इस के बीज का चूर्ण पांच से दस ग्राम क़ी मात्रा में देने से स्त्रियों में अनियमित मासिकस्राव जैसी समस्या से निजात मिल जाती है.
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