जी.एस.टी. नेटवर्क की मानें तो 1 फरवरी से ट्रांसपोर्टरों को माल लाने और ले जाने के लिए अलग-अलग मार्ग परमिट (ट्रांजिट पास) की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि इस दिन से ई-वे बिल (इलेक्ट्रॉनिक बिल) पूरे देश में लागू हो जाएंगे.
आपको बता दें कि वस्तु एवं सेवा कर यानी जी.एस.टी. के तहत 50,000 रुपए से ज्यादा के माल को एक राज्य के अंदर 10 किलोमीटर से अधिक दूर या एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने के लिए जी.एस.टी. नेटवर्क से इलेक्ट्रानिक परमिट (ई-वे बिल) की आवश्यकता पड़ेगी.
इस बारे में जी.एस.टी.एन. के सी.ई.ओ.प्रकाश कुमार के अनुसार ई-वे बिल के लिए करदाताओं और ट्रांसपोर्टरों को किसी ऑफिस या फिर चैक पोस्ट पर नहीं जाना पड़ेगा क्योंकि उसे खुद नेटवर्क से प्राप्त किया जा सकता है. इस नई प्रणाली से पोर्टल, मोबाइल एप, संदेश तथा ऑफ लाइन उपकरण (टूल) के माध्यम से ई-वे बिल प्राप्त करने में सुविधा हो जाएगी.
उल्लेखनीय है कि जी.एस.टी.एन. के अनुसार ई-वे बिल प्रणाली 4 राज्यों- कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड और केरल में शुरू हो चुकी है. जो ट्रांसपोर्टर जी.एस.टी में पंजीकृत नहीं है उन्हें बिल उत्पन्न करने के लिए पैन या आधार से ई-वे बिल प्रणाली में खुद का नामांकन करना होगा. इसके बाद ही वे माल की ढुलाई कर पाएंगे.