एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि चिनहट में महिंद्रा का सर्विस सेंटर चलाने वाले अमित जायसवाल के बेटे शिवम का अपहरण शनिवार सुबह एसयूवी सवार बदमाशों ने किया था। पिता के मुताबिक, वह चाचा की कार लेकर किसी से मिलने की बात कहकर घर से निकला था। इसके बाद से शिवम घर नहीं लौटा।
एसएसपी ने बताया कि शिवम घर से गोमतीनगर विस्तार स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंचा, जहां पूर्व मंत्री का बेटा सूर्यदेव सिंह अपने चार दोस्तों संग पजेरो गाड़ी में बैठा था। शिवम कार से उतरकर सूर्यदेव से बात करने उसकी एसयूवी तक गया। कुछ देर बातचीत के बाद शिवम को एसयूवी में लादकर पूर्व मंत्री का बेटा अपहरण कर ले गया।
इसके बाद पुलिस ने शिवम के मोबाइल को सर्विलांस पर लिया। लेकिन फोन स्विच ऑफ था। एसएसपी ने बताया कि गोरखपुर के आईजी से संपर्क कर एक टीम रवाना की गई। इसके अलावा रास्ते के सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों की भी तलाश शुरू हुई, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
उन्नाव के टोल प्लाजा के सीसीटीवी ने खोला राज
एएसपी उत्तरी अनुराग वत्स ने बताया कि जब गोरखपुर हाईवे पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कुछ नहीं मिला तो कानपुर, सीतापुर व रायबरेली रूट के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। इसमें उन्नाव के नवाबगंज स्थित टोल प्लाजा से पजेरो गाड़ी जाती दिखी। इसका नंबर शिवम के अपहरणकर्ताओं की एसयूवी से मिलता था।
पुलिस टीम ने एसयूवी की पूरी डिटेल खंगाली तो वह पूर्व मंत्री बादशाह सिंह के बेटे सूर्यदेव सिंह की निकली। इसके बाद पुलिस ने सूर्यदेव के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया और शाम होते ही एक टीम महोबा के लिए रवाना कर दी गई। महोबा पुलिस की भी मदद से शनिवार देर रात पूर्व मंत्री के फार्म हाउस पर छापामारी कर शिवम को बरामद कर लिया गया।
पूर्व मंत्री के बेटे सूर्यदेव सिंह ने अपने फेसबुक की वॉल पर पजेरो गाड़ी के साथ फोटो लगा रखी थी। कॉल डिटेल खंगाली गई तो शिवम की अंतिम कॉल भी सूर्यदेव के नंबर पर ही थी। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया था।
पांच बदमाशों ने किया था अपहरण
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि शिवम का अपहरण पांच बदमाशों ने किया था। पूछताछ में शिवम ने बताया कि दो दिन पहले सूर्यदेव से उसने 30 हजार रुपये मांगे थे। वह दोस्तों संग पार्टी मनाने कहीं बाहर जाना चाहता था।
सूर्यदेव ने उसे रुपये देने के लिए जनेश्वर मिश्र पार्क पर बुलाया था, जहां सूर्यदेव के साथ महोबा के खरेला निवासी राजेश सेन और कुन्नू उर्फ प्रबल सिंह के अलावा दो अन्य साथी थे। वहीं से शिवम को पजेरो में बैठा लिया। इसके बाद उसके घरवालों को गुमराह करने के लिए दबाव बनाया गया। ताकि अपहरणकर्ता उसे लेकर अपने ठिकाने पर पहुंच सके।
नवाबगंज टोल प्लाजा पार करने के बाद बदमाशों ने अपहरण कर गोरखपुर ले जाने की सूचना देने को कहा। रास्ते में सभी उसे मारते-पीटते रहे। महोबा में सूर्यदेव के गांव ले गए। बदमाशों ने कहा कि नया सिम लेकर तुम्हारे पिता से 50 लाख की फिरौती मांगी जाएगी।
शिवम से फिर से होगी पूछताछ
एसएसपी ने बताया कि शिवम ने परिवारीजनों और गर्लफ्रेंड को अपहरणकर्ता द्वारा गोरखपुर ले जाने की बात कही। शनिवार सुबह जनेश्वर मिश्र पार्क के पास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में शिवम को अपनी कार से उतरकर सूर्यदेव के एसयूवी तक जाने।
वहां गेट खोलकर बात करने की रिकॉर्डिंग हैं। जिसमें कहीं न तो मारपीट हुई, न ही किसी ने उसे जबरदस्ती एसयूवी में बैठाने की कोशिश की। उसने जो भी बात पुलिस को बताई है। उसकी पड़ताल की जा रही है। शिवम की तबीयत ठीक होने के बाद फिर पूछताछ की जाएगी। ताकि अपहरण की असली कहानी सामने आ सके।
खुलासा करने वाली टीम होगी सम्मानित
राजधानी के सनसनीखेज अपहरण का 24 घंटे में खुलासा करने में एसआई शिव नारायण सिंह, राम बहादुर पाल, एएसपी उत्तरी सर्विलांस सेल प्रभारी एसआई अभिषेक तिवारी, कांस्टेबल गोविंद, अमित यादव, देवकी नंदन, अफसार, रमाशंकर चौधरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एसएसपी दीपक कुमार ने टीम को 20 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया। उन्होंने बताया कि इस टीम को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार की तरफ से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।